गोरखपुर
आयुष्मान योजना : 12 अस्पतालों को अंतिम चेतावनी, कैशलेस इलाज में लापरवाही पर कार्रवाई तय
मरीजों से एक रुपया भी लिया गया तो होगी सख्त कार्रवाई
गोरखपुर। आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत कार्ड धारक मरीजों को इलाज के दौरान हो रही समस्याओं, अस्पतालों द्वारा नियमों के उल्लंघन तथा प्राप्त शिकायतों के निस्तारण को लेकर विकास भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण और विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा ने की। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा जनपद के सूचीबद्ध अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों द्वारा जनपद के 12 अस्पतालों के विरुद्ध दर्ज कराई गई शिकायतों को बिंदुवार प्रस्तुत किया गया। जिला विकास अधिकारी ने सभी शिकायतों को अत्यंत गंभीर बताते हुए संबंधित अस्पतालों को कड़ी फटकार लगाई और इसे अंतिम चेतावनी करार दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आयुष्मान भारत योजना गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए बनाई गई है और इसमें किसी भी प्रकार की मनमानी, अवैध वसूली या मरीजों को परेशान करने की प्रवृत्ति किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी।
जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा ने बैठक में स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि, आयुष्मान कार्ड धारकों को पूरी तरह कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाए। किसी भी अस्पताल द्वारा मरीज या उसके परिजनों से एक भी रुपया नहीं लिया जाएगा। इलाज शुरू करने से पहले मरीज को आयुष्मान योजना के अंतर्गत मिलने वाले पैकेज, जांच और सुविधाओं की पूरी जानकारी स्पष्ट रूप से दी जाए। यदि किसी मरीज से पूर्व में धनराशि ली गई है तो उसे तत्काल और पूर्ण रूप से वापस किया जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिन मामलों में शिकायतें सामने आई हैं, उन्हें चेतावनी देकर निस्तारित किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में दोबारा शिकायत मिलने पर संबंधित अस्पताल पर 20 गुना तक की वसूली, पैनल से बाहर करने और विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जिला विकास अधिकारी ने दो टूक कहा कि “जनकल्याण की योजना में किसी को परेशान करने का अधिकार किसी अस्पताल या चिकित्सक को नहीं है। यदि नियम तोड़े गए तो कार्रवाई भी उसी स्तर की होगी।
शिकायतों पर त्वरित निस्तारण के निर्देश
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि सभी 12 शिकायतों की लिखित जांच रिपोर्ट तैयार कर जिला स्तर पर सुरक्षित रखी जाए। जिन अस्पतालों के विरुद्ध शिकायतें सही पाई गई हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब लिया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में मरीजों को शिकायत दर्ज कराने के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े।
जिला विकास अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा को आयुष्मान योजना से जुड़े सभी अस्पतालों की नियमित एवं सघन मॉनिटरिंग का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि, किसी भी मरीज से अवैध वसूली न हो,जांच या इलाज के नाम पर मरीज को रोका या परेशान न किया जाए,आयुष्मान पैकेज के बाहर कोई अतिरिक्त शुल्क न लिया जाए
बैठक में सीएमओ डॉ. राजेश झा ने स्पष्ट कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज पूरी तरह कैशलेस है। यदि किसी भी अस्पताल द्वारा मरीज से धनराशि लेने की पुष्टि होती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा,अस्पतालों की यह जिम्मेदारी है कि वे मरीज को पहले ही यह बताएं कि आयुष्मान में कौन-कौन सी जांच और इलाज शामिल हैं। मरीज को भ्रमित करना या पैकेज के नाम पर परेशान करना गलत है। एक भी रुपया लिया गया तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।”
सीएमओ ने यह भी स्पष्ट किया कि फर्जी आयुष्मान कार्ड के मामलों को गंभीरता से लिया जाए। संदेह की स्थिति में बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही इलाज किया जाए, ताकि योजना का दुरुपयोग रोका जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल केवल आयुष्मान मरीजों के लिए नहीं हैं, बल्कि बिना कार्ड वाले सामान्य मरीजों का भी समुचित इलाज किया जाना चाहिए।
जांच प्रक्रिया में मरीजों को न किया जाए परेशान
बैठक में यह शिकायत भी सामने आई कि कुछ मामलों में जांच या आईई (इंटरनल एन्क्वायरी) के नाम पर मरीजों को बार-बार बुलाया जाता है। इस पर सीएमओ ने निर्देश दिया कि परिवार के दस्तावेजों का मिलान कर इलाज में देरी न की जाए और मरीज को मानसिक रूप से परेशान न किया जाए।
बैठक में आयुष्मान कार्ड निर्माण की धीमी गति पर भी चर्चा हुई। जिला विकास अधिकारी ने आदेश दिया कि नए कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेज की जाए, ताकि अधिक से अधिक पात्र परिवार योजना से जुड़ सकें। इसके लिए पंचायत सहायकों के लंबित भुगतान शीघ्र कराने के निर्देश भी दिए गए, जिससे कार्ड निर्माण कार्य में तेजी आए।
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि गोरखपुर जनपद में आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज के लिए अब तक लगभग 10 करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। जिला विकास अधिकारी ने आश्वस्त किया कि योजना के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों का भुगतान समयबद्ध रूप से कराया जाएगा, ताकि अस्पताल आर्थिक कारणों का बहाना बनाकर मरीजों को परेशान न करें।
बैठक में जिला विकास अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह सभी अस्पतालों के लिए अंतिम चेतावनी है। यदि भविष्य में किसी भी अस्पताल के खिलाफ आयुष्मान कार्ड धारकों से अवैध वसूली, इलाज से इनकार या मानसिक उत्पीड़न की शिकायत मिली तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कठोर प्रशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता है कि आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सम्मानजनक, पारदर्शी और निःशुल्क इलाज मिले और किसी भी स्तर पर जनहित से समझौता न हो।
