अपराध
आतंक का पर्याय बना रहा दो लाख का शातिर इनामी बदमाश मनीष सिंह उर्फ सोनू मुठभेड़ में मारा गया
रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
एसटीएफ वाराणसी यूनिट को मिली बड़ी सफलता
वाराणसी। प्रदेश के योगी सरकार के द्वारा सत्ता में आने पर शातिर अपराधियों माफियाओं पर कड़ा शिकंजा कसने के क्रम में पहली कड़ी में दुर्दांत इनामी मनीष सिंह उर्फ सोनू को एसटीएफ वाराणसी ईकाई ने सोमवार की दोपहर लगभग 2:30 बजे लोहता थाना क्षेत्र के समीप रिंग रोड के नजदीक मुठभेड़ में मार गिराया। उक्त जानकारी देते हुए एसटीएफ के सीओ विनोद सिंह ने जयदेश समाचार को बताया कि एनडी तिवारी हत्याकांड समेत कपसेठी में 10 लाख की रंगदारी चौकाघाट में गन शॉट समेत कई अन्य मामलों में वांछित था सोनू जौनपुर गाजीपुर वाराणसी और चंदौली में 25 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं| एडीजी जोन ए सतीश गणेश के निर्देशन पर की गई घेराबंदी तो शातिर बदमाश ने भी एसटीएफ पर गोली चलाई जिससे एसटीएफ के लोग बाल-बाल बच गए। आत्मरक्षा में चली गोली से शातिर बदमाश मौके पर ढेर हो गया।
यूपी की एसटीएफ ने वाराणसी में दो लाख के इनामी कुख्यात बदमाश मनीष सिंह “सोनू” को एनकाउंटर के दौरान मार गिराया । सोनू सिंह एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था । लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी अनिल सिंह का ये बेटा बचपन से चोलापुर के उंदी गाँव में अपने मामा सुरेन्द्र सिंह के घर रहता था। शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का मनीष सिंह सोनू जवानी के दहलीज़ में कदम रखते के साथ ही जरायम की दुनिया में बेताज बादशाहत के लिए बेचैन हो उठा था। उंदी ग्राम में रहते हुए उसने अपने साथियों के साथ मिल कर कई जरायम को अंजाम दिया और लूट की कई घटनाओं में शामिल रहा। जिसमे वह जेल भी गया और 4 साल जेल में रहने के बाद वह वापस आया था ।
भले ही दुनिया के दिमाग में ये रहा हो कि मनीष सिंह सोनू 4 साल जेल में रहकर सुधर जायेगा, लेकिन हुआ उसका उल्टा। जरायम की दुनिया में प्राइमरी का स्टूडेंट के तौर पर जरायम की दुनिया में जेल जैसी अपराध की यूनिवर्सिटी से 4 साल के अन्दर जरायम की डिग्री ले लिया और ज़मानत पर छुट के आने के बाद वापस जरायम की दुनिया में कदम रखा ।
जेल से बाहर आने के बाद मनीष सिंह सोनू ने अपना खुद का गैंग बनाया था । उसके गैंग में जितेन्द्र जायसवाल, बुच्ची सिंह जैसे अपराधी थे। उसके सर पर सनी सिंह जैसे आका का हाथ था। इसने जितेन्द्र और बुच्ची सिंह के साथ मिल कर 59 लाख बैंक कैश लूट की घटना को अंजाम दिया था। सूत्रों की माने तो जेल में रहने के दरमियान सनी सिंह उर्फ़ रोहित सिंह और रोशन गुप्ता किट्टू के साथ इसकी दोस्ती हो गई थी। जो जेल के बाहर तक कायम रही। इसने रोशन गुप्ता “किट्टू” और रोहित सिंह सनी के साथ मिलकर कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था । जानकार मानते है कि सनी सिंह, रईस बनारसी और अब किट्टू के मारे जाने के बाद से मनीष सिंह सोनू गैंग चला रहा है।
कौन है इसके परिवार में
पुलिस सूत्रों की माने तो इस अपराधी के परिवार में इसका सहयोग देने वाला इसका पिता अनिल सिंह और बहन सोनल सिंह है। ग्राम नारोत्तमपुर इसके अपने पुश्तैनी भवन में हिस्सा मिलने के बाद वह मकान बंद रहता है। शहर में इसके पिता जगह जगह कमरा बदल कर रहता है और किराए पर रिक्शा चलाता है। मनीष सिंह सोनू के गैंग में अशोक यादव, राजेश यादव उर्फ़ भूवर यादव, पाले यादव आदि है। जिनके साथ मिलकर यह भिन्न प्रकार के अपराध में लिप्त था। वर्तमान समय में मनीष सिंह सोनू पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली बना हुआ था । 2 लाख का इनामियां अपराधी आखिर कहा चला गया इसका जवाब पुलिस के पास नही था, लेकिन वाराणसी मंडल के एडीजीपी श्री ए सतीश गणेश जी की टीम ने आखिरकार इस शातिर अपराधी का पता लगा कर एसटीएफ को सूचना दी, जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने सोमवार को सोनू सिंह का एनकाउंटर कर दिया ।
मनीष सिंह सोनू के ऊपर वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर आदि शहरों में इसके ऊपर कुल 25 मुकदमा दर्ज है। हमारे सूत्रों के अनुसार मनीष सिंह सोनू विवादित संपत्तियों पर अपनी पकड़ बनाने लगा था । जानकारी के अनुसार वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक बड़े ट्रस्ट की सपत्ति पर भी मनीष सिंह सोनू की निगाह पड़ी हुई थी,जिसमे वह बड़ा खेला करना चाहता था ।