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वाराणसी

नमो घाट पर हाइड्रोजन जलयान से टकराई देशी नाव

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टक्कर के बाद परिचालन बंद, क्षतिग्रस्त हुआ रिफ्यूलिंग सेंसर

वाराणसी। नमो घाट पर मंगलवार को एक बड़ा हादसा उस समय टल गया, जब देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से परिचालित जलयान को काष्ठ निर्मित देशी नाव ने टक्कर मार दी। घटना के बाद सुरक्षा की दृष्टि से जलयान का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

हाइड्रोजन जलयान का संचालन करने वाली कंपनी जेएस क्लिनटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक विभूति पति तिवारी ने इस संबंध में आदमपुरा थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर में बताया गया कि जलयान का वाणिज्यिक संचालन केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 11 दिसंबर को नमो घाट से हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ किया था।

यह जलयान नमो घाट से रविदास घाट के बीच पर्यटकों के लिए संचालित किया जा रहा था, जिसमें प्रति यात्री 800 रुपये किराया निर्धारित था। पर्यटकों में इस जलयान से यात्रा को लेकर अच्छा रुझान देखा जा रहा था।

घटना उस समय हुई, जब जलयान रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल पर हाइड्रोजन ईंधन भरवाने के बाद नमो घाट स्थित जेट्टी पर बर्थिंग के लिए जा रहा था। इसी दौरान एक देशी नाव ने जलयान को टक्कर मार दी।

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टक्कर से जलयान के किनारे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इसके साथ ही हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग सेंसर और उसका कवर भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण वह काम नहीं कर रहा है। इस तकनीकी क्षति के चलते जलयान का परिचालन पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है।

प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि यह टक्कर लापरवाही के कारण हुई या इसके पीछे कोई अन्य कारण था।

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