वाराणसी
सोयेपुर जहरीली शराब प्रकरण में 16 आरोपित दोषमुक्त
वाराणसी। जनपद के चर्चित सोयेपुर जहरीली शराब कांड में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) सुशील कुमार खरवार की अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में 16 आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने सभी को संदेह का लाभ प्रदान करते हुए अभियोजन की कार्यवाही से मुक्त किया।
दोषमुक्त किए गए आरोपितों में बचाऊ जायसवाल उर्फ विजय जायसवाल, राघवेंद्र उर्फ गबड़ू जायसवाल, सारिका गुप्ता, शिवभजन गुप्ता उर्फ बबलू, गोपाल राजभर उर्फ बिल्ली, राजकुमार जायसवाल, महेश जायसवाल, नवल चौहान, भोनू जायसवाल, अनिल पाण्डेय, संजय जायसवाल, विक्की उर्फ विकास जायसवाल, अल्लू उर्फ बब्लू जायसवाल, सुनील पाल चौहान, राहुल सिंह तथा राजेश प्रसाद गुप्ता शामिल हैं। इनमें से कुछ आरोपितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव, नरेश यादव एवं संदीप यादव ने न्यायालय में पक्ष रखा।
अभियोजन के अनुसार, 17 फरवरी 2010 को दिनेश राजभर ने कैंट थाना में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि गांव में एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद दाह संस्कार से लौटते समय उसके पिता लालजी राजभर समेत कई ग्रामीणों ने सोयेपुर क्षेत्र में शराब का सेवन किया था। आरोप था कि यह शराब नवल चौहान, भोनू जायसवाल और अंबू देवी द्वारा विषैले पदार्थ की मिलावट कर बेची जा रही थी। शराब पीने के बाद उसी रात लालजी राजभर, शिवचरण राजभर और लक्ष्मीना देवी की मृत्यु हो गई, जबकि अन्य लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बाद में जांच में जहरीली शराब के सेवन से कुल 28 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, जिससे इलाके में भारी सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने मामले में गैर इरादतन हत्या और गैंगस्टर एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल दस गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान जवाहर लाल जायसवाल, अंबू देवी, शम्भू सिंह और महेंद्र कुमार जायसवाल की मृत्यु हो जाने के कारण उनके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी। अंततः अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए शेष 16 आरोपितों को दोषमुक्त करने का आदेश पारित किया।
