गोरखपुर
ग्रामीण पत्रकारों की आवाज़ गूंजी—सुरक्षा, मान्यता और सम्मान की माँग मुख्यमंत्री तक पहुँची
विधायक सहजनवां को सौंपा विस्तृत ज्ञापन
सहजनवां (गोरखपुर)। ग्रामीण पत्रकारों की सुरक्षा, सुविधाओं और मान्यता को लेकर अब संघर्ष तेज हो गया है। सहजनवां तहसील इकाई के ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले शुक्रवार को पत्रकार प्रतिनिधियों ने पूरे प्रदेश में अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक को ज्ञापन सौंपा गया है, वहीं इसी क्रम में सहजनवां के विधायक प्रदीप शुक्ला के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय माँगों से संबंधित एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया है।
वहीं, सहजनवां तहसील अध्यक्ष हरगोविंद चौबे ने बताया कि प्रदेश के सुदूर ग्रामीण इलाकों में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में खबरें जुटाने वाले पत्रकारों की समस्याएँ वर्षों से अनसुनी पड़ी थीं, लेकिन अब यह आवाज़ सरकार के उच्च स्तर तक पहुँच चुकी है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकार लोकतंत्र की मजबूत नींव हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन (पंजीकरण संख्या—1153/86) प्रदेश का सबसे बड़ा पत्रकार संगठन है, जिसकी इकाइयाँ 18 मंडलों, 75 जनपदों और 551 तहसीलों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। संगठन के अनुसार ग्रामीण स्तर पर कार्यरत अधिकांश पत्रकार बिना किसी सरकारी सुविधा, मान्यता या सुरक्षा कवच के अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
ज्ञापन में प्रमुख 7 माँगें रही हैं
1. वर्ष 2008 के पत्र संख्या 1484 में संशोधन कर सभी दैनिक समाचार पत्रों के सक्रिय संवाददाताओं को तहसील स्तर पर मान्यता देने की माँग की गई है, ताकि उन्हें आधिकारिक पहचान और संरक्षण मिल सके।
2. जिला, मंडल व तहसील स्तरीय पत्रकार स्थायी समितियों की नियमित बैठकें सुनिश्चित की जाएँ। साथ ही ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया जाए।
3. ग्रामीण पत्रकारों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कवर उपलब्ध कराया जाए तथा UP रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाए।
4. प्रदेशस्तरीय मान्यता एवं विज्ञापन समितियों में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के दो प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए।
5.दारुलशफ़ा लखनऊ में संगठन के लिए निःशुल्क कार्यालय आवंटित किया जाए, जिससे संगठनात्मक कार्य सुचारु रूप से संचालित हो सकें।
6. ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं के स्थायी समाधान हेतु ग्रामीण पत्रकार आयोग गठित करने की माँग की गई है।
7. खबरें कवरेज करते समय उत्पन्न विवादों पर पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले किसी सक्षम राजपत्रित अधिकारी द्वारा जाँच अनिवार्य की जाए।
संगठन का कहना है कि ग्रामीण पत्रकार समाज और प्रशासन के बीच सेतु का कार्य करते हैं। यदि सरकार इन माँगों पर शीघ्र निर्णय लेती है तो पत्रकारिता की सुरक्षा, स्वतंत्रता और मजबूती को नई दिशा मिलेगी। ज्ञापन सौंपते समय पत्रकारों ने आशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकार हितों के इन मुद्दों पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।
