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देवरिया के 6 हजार वर्गफीट प्लॉट विवाद में फर्जीवाड़ा, अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार

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देवरिया के औद्योगिक क्षेत्र में करीब 6,000 वर्गफीट के उस प्लॉट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जो वर्ष 1999 में एसपी रहते हुए अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर उद्योग स्थापना के लिए आवंटित किया गया था। बी-2 श्रेणी के इस प्लॉट पर वर्षों तक कोई उद्योग नहीं लगा और बाद में इसका उपयोग ‘श्रीनित्य शांडिल्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ के कार्यालय के रूप में होने लगा। वर्तमान में यह कार्यालय देवरिया के शराब एवं निर्माण कारोबार से जुड़े संजय प्रताप सिंह का बताया जाता है।

मीडिया टीम के पहुंचने पर सुरक्षा गार्ड ने परिसर में प्रवेश रोक दिया और संजय प्रताप सिंह से फोन पर बात कराई। उनका कहना था कि प्लॉट उद्योग विभाग द्वारा विधिवत तरीके से ट्रांसफर हुआ है और इस पर किसी तरह का विवाद नहीं है।

विवाद की शुरुआत तब हुई जब पुलिस जांच में सामने आया कि प्लॉट ट्रांसफर की प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। लखनऊ निवासी शिकायतकर्ता संजय शर्मा ने तीन महीने पहले आरोप लगाया था कि नूतन ठाकुर ने दस्तावेजों में अपना नाम ‘नूतन देवी’ दर्ज कराया और पति के नाम के स्थान पर अमिताभ ठाकुर की जगह ‘अभिजात/अभिनात ठाकुर’ लिखवाया। इसके साथ ही बिहार के सीतामढ़ी जिले के खैरा गाँव का पता भी दर्शाया गया, ताकि सत्यापन की प्रक्रिया भ्रमित हो सके। आवेदन पत्र, शपथ पत्र, बैंक चालान और ट्रांसफर डीड सहित कई कागजों में गलत नाम और पते का उल्लेख कर विभागों को गुमराह किया गया।

मामले की गंभीरता देखते हुए लखनऊ पुलिस ने एसआइटी का गठन किया, जिसने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की, दस्तावेजों का मिलान किया और गवाहों से पूछताछ की। जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया। इन्हीं आधारों पर अमिताभ ठाकुर को तब गिरफ्तार किया गया, जब वह दिल्ली जा रहे थे। शाहजहांपुर में रात के समय सादे कपड़ों में पहुंचे कुछ लोगों ने ट्रेन में घुसकर उन्हें हिरासत में लिया।

अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 34 (साझा इरादा), 467 (गंभीर जालसाजी, जिसमें उम्रकैद तक का प्रावधान), 468 (धोखाधड़ी हेतु जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) तथा 419 और 420 (छल और धोखाधड़ी) के तहत कार्रवाई की जा रही है। मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है और आगे की कार्यवाही पुलिस तथा अदालत के निर्णय पर निर्भर करेगी।

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