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चन्दौली

मीट-मुर्गे की 16 दुकानों पर चला बुलडोजर, जाली और औजार जब्त

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चंदौली। पीडीडीयू नगर में बिना लाइसेंस संचालित मीट और मुर्गे की दुकानों के खिलाफ मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की। अभियान के तहत 16 अवैध दुकानों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया। दुकानों के बाहर पड़ी जाली और औजार जब्त कर नगरपालिका के सुपुर्द कर दिए गए। अधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि बिना लाइसेंस दुकानें खोली गईं तो दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, जिले में मुर्गे का मांस बेचने के 193 लाइसेंस हैं, जबकि बकरे का मांस बेचने के लिए किसी के पास लाइसेंस नहीं है। लंबे समय से अवैध रूप से बड़ी संख्या में मीट-मुर्गे की दुकानें संचालित होने की शिकायतें मिल रही थीं।

कार्रवाई के दौरान सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कुलदीप सिंह, एसडीएम अनुपम मिश्रा, सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा और नगर पालिका के प्रभारी ईओ राजीव मोहन सक्सेना की टीम कसाब महाल पहुंची। टीम ने जीटीआर ब्रिज के किनारे चल रही मुर्गे की दुकानों को बंद कराया और वहां किए गए अतिक्रमण को जेसीबी से हटवाया। कुल 16 दुकानों को बंद करवाया गया।

सहायक आयुक्त कुलदीप सिंह ने बताया कि बिना लाइसेंस संचालित सभी दुकानों को बंद करा दिया गया है। यदि पुनः बिना लाइसेंस दुकानें खोली गईं तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वर्षों से बंद पड़ा स्लाटर हाउस

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नगर पालिका क्षेत्र के कसाब महाल में पहले नगर पालिका द्वारा एक स्लाटर हाउस संचालित किया जाता था, जिससे राजस्व प्राप्ति भी होती थी। बाद में इसे बंद कर दिया गया। वर्तमान में जिले में एक भी स्लाटर हाउस संचालित नहीं है।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत मीट-मछली और मुर्गे की दुकानें खोलने के लिए अनिवार्य नियम आवश्यक हैं जो इस प्रकार है –

दुकान मंदिर/पूजा स्थल से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर हो।

विद्यालय से लगभग 50 मीटर की दूरी अनिवार्य।

दुकानों में गहरे रंग के पर्दे या शीशे हों।

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मांस कारोबारी का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र आवश्यक।

शहरी क्षेत्र में नगर पालिका/नगर पंचायत से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) अनिवार्य।

नजदीकी पुलिस थाने से भी NOC आवश्यक।

दुकान पर मांस का कटान नहीं किया जाएगा।

स्लाटर हाउस न होने की स्थिति में नजदीकी जनपद से कटान कर मांस डीप फ्रीजर में लाकर बेचा जाए।

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सभी धारदार उपकरण स्टील के हों।

कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था हो।

स्लाटर हाउस से लाए गए मांस का पूरा हिसाब-किताब उपलब्ध हो।

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