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राज्य-राजधानी

बस्ती में तबादलों का आदेश बेअसर, कुर्सी से चिपके अफसर

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बस्ती। जिले में पुलिस-प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार जारी होने वाले स्थानांतरण आदेशों पर अमल न होने से सत्ता संचालन की शैली पर उंगलियां उठ रही हैं। कागजों पर अधिकारियों के ट्रांसफर दर्ज हो रहे हैं, लेकिन वास्तविक रूप से पदाधिकारियों की कुर्सियां जस की तस बनी हुई हैं।

सोनहा थाने के एसएचओ चंदन कुमार समेत 31 पुलिसकर्मियों को पहले ही रिलीव करने का आदेश हो चुका है। उनकी पहली रिलीविंग तिथि भी तय कर दी गई थी, जिससे उम्मीद बनी थी कि इस बार विलंब नहीं होगा। बावजूद इसके महीनों बीत चुके हैं और गोंडा रेंज को ट्रांसफर हुए चंदन कुमार अब भी सोनहा थाने की कमान संभाले हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार, एसपी अभिनंदन ने दो दिन की समय-सीमा निर्धारित कर सख्त हिदायत दी है कि तय समय पर नई जगह ज्वॉइन करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए फाइल खोली जाएगी। यह निर्देश स्पष्ट संकेत देता है कि आदेश को नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सिर्फ एसएचओ ही नहीं, बल्कि सब-इंस्पेक्टर रामदास, कामेश्वर, कमलेश, आशुतोष, राम आधार सहित करीब 30 हेड कॉन्स्टेबल व कांस्टेबल भी ट्रांसफर सूची में शामिल हैं, फिर भी वे सभी बस्ती में ही डटे हुए हैं। बस्ती एसडब्ल्यूएटी टीम के रमेश कुमार का सिद्धार्थनगर ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन वे भी अब तक कार्यमुक्त नहीं हुए।

इन हालातों ने कई पेचीदे प्रश्न खड़े कर दिए हैं—क्या सचमुच कोई अदृश्य ताकत इन पदाधिकारियों को संरक्षण दे रही है? जब आदेश प्रभावहीन हो जाएं और अनुशासन कमजोर पड़ने लगे, तब प्रशासनिक निष्पक्षता की उम्मीद किससे की जाए?

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फिलहाल माना जा रहा है कि इस बार एसपी अभिनंदन ने दृढ़ रुख अपना लिया है और आदेशों की अवहेलना करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।

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