Connect with us

वाराणसी

ट्रांसपोर्टर की मौत की गुत्थी सुलझाने को होगा सीन रीक्रिएशन

Published

on

वाराणसी। शहर के ट्रांसपोर्टर सूरज सिंह की संदिग्ध मौत की सच्चाई जानने के लिए अब घटनास्थल पर पूरे घटनाक्रम का सीन रीक्रिएट कराया जाएगा। इस संबंध में पुलिस प्रशासन ने एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम को जांच के लिए पत्र भेजा है। टीम एक नवंबर की रात के हालात और घटनात्मक क्रम का पुनरावलोकन कर वास्तविक कारणों का पता लगाएगी। कथित रूप से विनायक प्लाजा की आठवीं मंजिल से गिरने से सूरज की मौत हुई थी।

सूरज के भाई ने आरोप लगाया था कि उसकी हत्या कर शव को नीचे फेंका गया है। वहीं परिस्थितियां और इस दौरान मौजूद लोगों के बयान कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे थे। इसी विरोधाभास को स्पष्ट करने के लिए सीन रीक्रिएशन कराया जा रहा है।

मूल रूप से बिहार के मधेपुरा निवासी सूरज पिशाच मोचन क्षेत्र अंतर्गत रमाकांत नगर कॉलोनी में रहते थे। वह रामकटोरा में विंध्यवासिनी ट्रांसपोर्ट का संचालन करते थे। एक नवंबर की रात लगभग नौ से दस बजे के बीच वह धनबाद से वाराणसी आए अपने बचपन के दोस्त बबलू शाह के साथ विनायक प्लाजा टावर की पांचवीं मंजिल स्थित माई टेबल बार एंड रेस्टोरेंट में भोजन करने पहुंचे थे।

इसी रात 1:04 बजे टावर की आठवीं मंजिल से गिरने पर उनकी मौत हो गई थी। सूरज के भाई बादल सिंह का आरोप है कि खाने-पीने के दौरान हुए विवाद में रेस्टोरेंट मैनेजर और बाउंसरों ने सूरज की पिटाई कर हत्या कर दी और उसके बाद शव को छत से नीचे फेंक दिया। इस घटना में सिगरा पुलिस हत्या का केस दर्ज कर जांच कर रही है।

सीसीटीवी में जो फुटेज दर्ज हुआ है उसमें सूरज सिंह रात के 1:02 बजे पांचवीं मंजिल से ऊपर जाते समय सीढ़ियों के पास दिखे। 1:04 बजे छठे तल पर नजर आए। इसके बाद 1:06 से 1:08 बजे तक आठवीं मंजिल की लॉबी में मौजूद रहें। 1:20 बजे तक सूरज का दोस्त रेस्टोरेंट में बैठा दिखाई दिया

Advertisement

एफएसएल टीम इन तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर रात का घटनाक्रम दोबारा उसी तरह से व्यवस्थित करेगी, जिससे सच्चाई तक पहुंचने में मदद मिल सके।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page