वाराणसी
गंगा में अब चलेंगी सीएनजी और बैटरी नावें, नगर निगम की जगह जलमार्ग प्राधिकरण देगा लाइसेंस
नाविक बोले— दो साल से लाइसेंस नहीं मिला, अब जो भी दे बस काम शुरू हो
वाराणसी। अब गंगा नदी में नावों के संचालन, पंजीकरण और लाइसेंस देने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को सौंप दी गई है। पहले यह कार्य नगर निगम के अधीन था, लेकिन राज्य सरकार ने नदी परिवहन और जल पर्यटन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इसे नए प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया है।
प्राधिकरण के गठन के बाद यह संस्था न केवल जल परिवहन और नाव संचालन को नियंत्रित करेगी, बल्कि नदियों की सुरक्षा, स्वच्छता और संरक्षण की दिशा में भी कार्य करेगी। शासन की मंजूरी के बाद इसका क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी में स्थापित किया जाएगा। इसके तहत गंगा सहित प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों में नावों, मोटरबोट और क्रूज सेवाओं का संचालन इसी प्राधिकरण के अधीन रहेगा।
88 घाटों पर असर, डीज़ल नावें होंगी बंद
इस नई व्यवस्था का सीधा प्रभाव वाराणसी के 88 घाटों पर पड़ेगा। अब पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। डीज़ल चालित नावों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर सीएनजी, बैटरी या अन्य ग्रीन एनर्जी आधारित नावों को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे प्रदूषण में कमी आएगी और घाटों की पारिस्थितिकी भी सुरक्षित रहेगी।
सुरक्षा और जल पर्यटन पर विशेष फोकस
प्राधिकरण जल पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीतियां बनाएगा। इसमें नाव किराया, संचालन समय और सुरक्षा मानक तय किए जाएंगे। नावों में लाइफ जैकेट, आपातकालीन सहायता प्रणाली और निगरानी व्यवस्था को अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के सहयोग से एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से नावों का पंजीकरण, नवीनीकरण और लाइसेंसिंग डिजिटल रूप में होगी।
कई विभाग निभाएंगे भूमिका
इस प्राधिकरण में परिवहन, वित्त, लोक निर्माण, सिंचाई, जल संसाधन, पर्यटन, नगर निगम, जल पुलिस, वन एवं पर्यावरण विभाग समेत IWAI के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सभी विभाग मिलकर नाव संचालन, सुरक्षा और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
नगर निगम की भूमिका होगी सीमित
सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी के अनुसार, अब तक नगर निगम नावों का पंजीकरण और संचालन देखता था, लेकिन अब यह जिम्मेदारी अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पास होगी। वर्तमान में नगर निगम द्वारा नए लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं। जल्द ही नया ऑनलाइन सिस्टम शुरू होगा जिसके तहत पंजीकरण और किराया निर्धारण जैसी प्रक्रियाएं की जाएंगी।
नाविक बोले— दो साल से लाइसेंस नहीं मिला, अब जो भी दे बस काम शुरू हो
अस्सी घाट के नाविक मुन्ना साहनी ने बताया कि “पिछले दो साल से नगर निगम ने कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया है। हमने कई बार शिकायत की, पर सुनवाई नहीं हुई। अब नई व्यवस्था आ रही है तो हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द हमें लाइसेंस मिले ताकि रोज़गार फिर से चल सके।”
