वाराणसी
नाग-नथैया की लीला अहंकार पर विनम्रता और अन्याय पर धर्म की विजय का प्रतीक : अजय राय
वाराणसी। आस्था, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम एक बार फिर तब देखने को मिला जब काशी के तुलसी घाट पर विश्वप्रसिद्ध लक्खा मेला और 457 वर्ष पुरानी नाग-नथैया लीला का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने तुलसी घाट पर आयोजित लीला का दर्शन किया और संकट मोचन मंदिर के महंत से आशीर्वाद प्राप्त किया।
अजय राय ने कहा, “काशी की सांस्कृतिक विरासत केवल इतिहास नहीं, बल्कि हमारी आत्मा की पहचान है। नाग-नथैया की यह प्राचीन लीला अहंकार पर विनम्रता और अन्याय पर धर्म की विजय का प्रतीक है। काशी के उत्सव हमें सिखाते हैं कि भक्ति और संस्कृति के माध्यम से समाज में प्रेम, समानता और एकता का संदेश फैलाना ही सच्ची साधना है।”
उन्होंने आगे कहा कि काशी की परंपराएँ केवल धार्मिक आयोजन नहीं हैं, बल्कि लोकजीवन की सांस्कृतिक धरोहर हैं। लक्खा मेला जैसी सदियों पुरानी परंपराएँ हमें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं। भगवान श्रीकृष्ण की यह लीला हमें अन्याय के विरुद्ध डटकर खड़े होने और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
इस अवसर पर राघवेन्द्र चौबे, मनीष मोरोलिया, अरुण सोनी, घनश्याम सिंह, ओम प्रकाश ओझा, सुनील राय, सदानन्द तिवारी, रोहित दुबे, अफसर खान, अजित सिंह, खुर्सीद, इमाम रज़ा, अभिषेक चौरसिया सहित अनेक कार्यकर्ता और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
