गोरखपुर
पत्रकार की हत्या पर फूटा आक्रोश, मृतक परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
प्रयागराज में पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ पप्पू की बेरहमी से हत्या ने पूरे पत्रकार जगत को झकझोर कर रख दिया है। इस नृशंस घटना के विरोध में राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद संगठन, गोरखपुर इकाई की एक आपात बैठक जिला अध्यक्ष राकेश तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई और प्रशासन की घोर लापरवाही पर कड़े सवाल उठाए गए।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है। यदि पत्रकार, जो समाज की सच्चाई उजागर करने का कार्य करता है, सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
जिला अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा कि पत्रकारों पर हो रहे आत्मघाती हमलों से यह स्पष्ट है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज के लिए आवाज उठाता है, पर आज उसकी आवाज को खामोश करने की साजिशें बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने मांग की कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को जल्द से जल्द फांसी जैसी कठोर सजा दी जाए।
बैठक में जिला प्रभारी दुर्गेश मिश्रा ने कहा कि यह कृत्य अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। उन्होंने कहा — “जब समाज का चौथा स्तंभ धराशायी होगा, तब आम जनता कहाँ सुरक्षित रह जाएगी?” उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन की निष्क्रियता और संवेदनहीन रवैये ने अपराधियों के मन में भय समाप्त कर दिया है।
वहीं जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण कुमार मिश्र ने इस पूरे प्रकरण को लोकतंत्र की गरिमा पर चोट बताया। उन्होंने शासन-प्रशासन से तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि मृतक पत्रकार के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शासन इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो पत्रकार सुरक्षा परिषद संगठन राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने को तैयार है।
अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता कोई नौकरी नहीं, बल्कि समाज सेवा का मिशन है। जो व्यक्ति अपनी कलम से समाज की अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसकी हत्या लोकतंत्र की आत्मा की हत्या के समान है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद संगठन” पत्रकारों की आन, मान और शान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, चाहे कीमत जो भी चुकानी पड़े।
बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु शासन को “पत्रकार सुरक्षा कानून” लागू करना चाहिए, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लग सके।
बैठक में बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से राकेश तिवारी दुर्गेश मिश्रा अरुण कुमार मिश्र, के के तिवारी दयानंद जायसवाल डाक्टर त्र्यंबक पांडेय, सतेन्द्र अग्रहरि सहित कई पत्रकार मौजूद रहे।
बैठक के अंत में सभी पत्रकारों ने दिवंगत पत्रकार लक्ष्मी नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की कामना की।
