चन्दौली
दिशा बैठक में मीडिया का प्रवेश वर्जित, पारदर्शिता पर उठे सवाल
जिला विकास समन्वय निगरानी समिति की बैठक में ‘लोकतंत्र के चौथे स्तंभ’ से बनाई गई दूरी
चंदौली। जनपद के विकास कार्यों और कर योजनाओं की समीक्षा को लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सांसद वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुई। हालांकि इस बार बैठक में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई, जिससे पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
बैठक के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सांसद वीरेंद्र सिंह के साथ सांसद छोटेलाल खरवार, सांसद दर्शना सिंह, सांसद साधना सिंह, विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव, रमेश जायसवाल, सुशील सिंह और कैलाश आचार्य सहित जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग, पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे व जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
सबसे चर्चित पहलू रहा कि मीडिया को बैठक से पूरी तरह बाहर रखा गया। सूत्रों के अनुसार, मार्च में हुई पिछली दिशा बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई थी और सत्ता-विपक्ष के बीच विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस बार ऐसे हालात से बचने के लिए मीडिया की एंट्री रोक दी गई।
हालांकि, राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लोगों का कहना है कि जब बैठक जनता के विकास और जनहित से जुड़ी है, तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दूर रखना उचित नहीं है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मीडिया की मौजूदगी आवश्यक मानी जाती है, लेकिन इस बार उसकी गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
