गाजीपुर
भक्ति में अहंकार का कोई स्थान नहीं, अहंकार इंसान को ले डूबता है : साध्वी सुनीता

नंदगंज (गाजीपुर)। लखमीपुर में सात दिवसीय श्रीराम कथा के प्रथम दिवस भगवान शिव व माता पार्वती विवाह प्रसंग को कथा व्यास साध्वी सुनीता शास्त्री ने मनोरम ढंग से प्रस्तुत किया। कथा प्रसंग को बड़े मार्मिक तरीके से रखते हुए उन्होंने कहा कि प्रजापति दक्ष जो अहंकार में चूर होकर भगवान शिव के प्रति मन में बैर धारण कर लिए। जिसके कारण आगे चलकर माता सती को अपना देह त्याग करना पड़ा और दक्ष के सिर को वीरभद्र ने धड़ से अलग कर दिया।

साध्वी सुनीता ने आगे बताया कि भक्ति में अहंकार का कोई स्थान नहीं है, अहंकार इंसान को ले डूबता है। इससे अपने साथ कई लोगों का जीवन अहंकार के कारण प्रभावित होता है। इसलिए अपने अंदर दक्षता और योग्यता होनी ही चाहिए, लेकिन दक्षता और योग्यता में अहंकार यदि आया तो जीवन का नाश तय है। अंत में भगवान श्रीराम की आरती के साथ कथा का समापन हुआ। कथा में क्षेत्र की काफी संख्या में महिलाएं तथा पुरुष उपस्थित रहे।