वाराणसी
नागेपुर में पदयात्रियों का किया गया जोरदार स्वागत

बारिश के बावजूद भीगते हुए आगे बढ़ते रहे पदयात्री
वाराणसी (मिर्जामुराद)। राजघाट वाराणसी से राजघाट दिल्ली तक “एक कदम गांधी के साथ” 56 दिवसीय पदयात्रा के तीसरे दिन शनिवार को लोक समिति आश्रम नागेपुर में पदयात्रियों का ग्रामीणों और स्कूल बच्चों ने जोरदार स्वागत किया। यात्रा में शामिल साथियों ने बापू और अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा आगे बढ़ाई। पदयात्रा में 16 राज्यों से आये करीब 100 पदयात्री और स्कूल के बच्चे गीतों और नारों के साथ अगले पड़ाव बेनीपुर के लिए रवाना हुए। रास्ते में चलते हुए उन्होंने पदयात्रा के पर्चे भी बांटे और यात्रा के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी लोगों को दी।
शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हो रही थी, लेकिन पदयात्रियों के मनोबल में कोई कमी नहीं दिखी। भीगते हुए सभी यात्री “गांधी तेरे सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे” गांधी जी के प्रिय भजन गाते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहे। रात 8 बजे पदयात्री लोक समिति आश्रम पहुंचे, जहां सभी ने रात्रि विश्राम किया। शनिवार सुबह सभी पदयात्रियों का स्वागत कर यात्रा अगले रात्रि पड़ाव बाबूसराय के लिए आगे बढ़ी। पदयात्रियों ने बताया कि यह यात्रा नए भारत और नई दुनिया के निर्माण के उद्देश्य से निकाली गई है।
उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिन मूल्यों के लिए संघर्ष किया था, आज वे मूल्य अनेक तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे समय में यह पदयात्रा लोकतंत्र, संविधान, सद्भावना और हमारी उदारवादी परंपरा को सुदृढ़ करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए किसानों की जमीन ली गई, लेकिन उन्हें कोई समुचित मुआवजा नहीं दिया गया। अब सरकार खेल गांव बनाने के लिए किसानों के पुस्तैनी गांवों को उजाड़कर उन्हें बेघर बना रही है, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हैं और लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष माधव बावरे ने सभा को संबोधित करते हुए संगठन के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देने और धर्म के नाम पर फैलाए जाने वाले पाखंड के खिलाफ लंबे समय से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि गांधी और दाभोलकर के विचारों में समानता है।
उनके संगठन से जुड़ी एक महिला सदस्य ने कहा कि अंधविश्वास का सबसे अधिक दुष्प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। इसलिए उनका संगठन लगातार महिलाओं में जागरूकता फैलाने और उन्हें सशक्त बनाने का कार्य कर रहा है।
आयोजन में गांव की महिलाओं का विशेष योगदान रहा। पदयात्रियों के भोजन की व्यवस्था के लिए उन्होंने चंदा इकट्ठा किया। सभी स्थानीय महिलाओं को पदयात्रियों द्वारा सम्मानित किया गया।
इस यात्रा में देश के 16 प्रदेशों के पदयात्री और सहयोगी शामिल हुए हैं — तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से साथी शामिल हैं।
सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्ष रामधीरज, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह व अरविंद अंजुम, सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत, युवा प्रकोष्ठ के संयोजक भूपेश भूषण, उड़ीसा सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास, पदयात्रा आयोजन समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर, सर्वोदय समाज के पूर्व संयोजक डॉ. सोमनाथ रोड़े, विनोबा आश्रम गागोदा की सरिता बहन, बिहार लोक समिति के शिवजी सिंह, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के सुशील कुमार, राष्ट्रीय युवा संगठन के सचिन, कर्नाटक से डॉ. एम. एच. पाटिल, केरल सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष पवित्रन, दिवाकर, तमिलनाडु से श्रीनिवासन, ए. आर. पलानीसामी, तेलंगाना से खादर बैग, गुजरात से रश्मिन राठौड़, त्रिपुरा से जैनुल, सत्यमेव जयते के श्यामधर तिवारी, पश्चिम बंगाल से जीतेन नंदी, काजल मुखर्जी, मनीषा बनर्जी, जागृति राही, अनूप श्रमिक, विद्याधर, जोखन यादव, सिस्टर फ्लोरीन, निधि, सिराज अहमद, अंतर्यामी बरल, जगदीश कुमार, टी. के. सिन्हा, अनोखेलाल, चौधरी राजेंद्र, सुरेश, जय किसान आंदोलन के राजनेत यादव, संजय कुमार, राबिया बेगम, गौरव पुरोहित, प्रियेश पांडे, विवेक यादव, विवेक मिश्रा, सौरभ त्रिपाठी, इंदु पांडे, आसमा आदिवासी, दिवाकर सिंह, विकास कुमार, पंकज श्रीवास्तव, गोपाल आर.टी.आई., किसान नेता ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वरचंद्र आदि शामिल हुए।