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मनरेगा योजना में बढ़ा भ्रष्टाचार, जिम्मेदार अधिकारी बने मूकदर्शक

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बस्ती। जिले के बहादुरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोखरनी में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मनरेगा योजना अब गरीबों के लिए रोजगार देने की बजाय सचिव, रोजगार सेवक और तकनीकी सहायकों की जेबें भरने का माध्यम बनती जा रही है।

ग्राम पंचायत पोखरनी में चल रहे कार्यों की हकीकत जमीनी स्तर पर कुछ और ही बयां करती है। मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान, घटिया सामग्री का उपयोग और बिना कार्य किए बिलों का भुगतान जैसी गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि सचिव और प्रधान की मिलीभगत से इस घोटाले का जाल बुना जा रहा है, जिसके कारण कार्रवाई की रफ्तार थम गई है।

डीसी मनरेगा और ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्राम पंचायत में चल रहे इन फर्जीवाड़ों पर अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं। सवाल उठता है कि आखिर कब तक इस तरह गरीबों के अधिकारों की लूट जारी रहेगी? क्या उच्च अधिकारी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे या फिर पोखरनी पंचायत में मनरेगा योजना इसी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहेगी ?

ग्राम पंचायत के कई जागरूक नागरिकों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है ताकि दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जा सके। ग्रामीणों की मांग है कि एक निष्पक्ष जांच टीम गठित कर वास्तविकता सामने लाई जाए।

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