शिक्षा
BHU: तीन सत्रों में UGC नेट पास अभ्यर्थियों को मिलेगा पीएचडी में दाखिले का अवसर

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में नए सत्र 2025 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया इस बार बदली व्यवस्था के तहत पूरी कराई जाएगी। इसमें तीन बार नेट परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों को भी दाखिला पाने का मौका मिलेगा। वहीं, बीएचयू के कर्मचारी यानी नॉन टीचिंग सदस्य अब सीधे पीएचडी में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें भी सामान्य अभ्यर्थियों की तरह लिखित परीक्षा रिसर्च मेथडोलॉजी टेस्ट से गुजरना होगा।
पिछले वर्ष केवल जून 2024 में क्वालिफाइड यूजीसी नेट के आवेदकों को एडमिशन का अवसर दिया गया था। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि जून 2024, दिसंबर 2024 और जून 2025 की परीक्षा क्वालिफाई कर चुके अभ्यर्थी पीएचडी आवेदन के लिए पात्र होंगे। माना जा रहा है कि इस फैसले से इस बार पीएचडी आवेदकों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दो से तीन गुना तक बढ़ सकती है।
बुलेटिन तैयार करने का काम तेज
बीएचयू की ओर से पीएचडी की नई बुलेटिन तैयार कराए जाने का काम भी तेज हो गया है। विभागों से सीटों की संख्या और प्रोफेसरों से खाली सीटों का विवरण जुटाया जा रहा है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में बुलेटिन जारी करने पर लंबी बहस हुई थी। जल्दी सीट निर्धारित कर बुलेटिन जारी करने की मांग भी उठी थी।
कर्मचारियों को भी देनी होगी परीक्षा
बीएचयू के नॉन टीचिंग सदस्य भी अब रिसर्च मेथडोलॉजी टेस्ट में शामिल होंगे। कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने के बाद ही उन्हें पीएचडी दाखिले के इंटरव्यू में बैठने का मौका मिलेगा। पहले उन्हें सीधे इंटरव्यू में शामिल होने का अवसर प्राप्त था।
नारी सशक्तीकरण: शोध छात्रा बनी एक दिन की प्रोफेसर
मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत छात्राओं को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। इसी क्रम में आईएमएस बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र विभाग में शोध छात्रा अंजू जांगिड़ को 30 सितंबर को एक दिन का प्रोफेसर बनाया गया। प्रोफेसर आनंद चौधरी के निर्देशन में उन्हें यह अवसर मिला।
अंजू को पुष्पगुच्छ और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया। उन्होंने पूरे दिन शोधार्थियों और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के साथ शैक्षणिक और प्रशासनिक विषयों पर संवाद किया। यह कार्यक्रम नारी सशक्तीकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।