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ख़जनी तहसील में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन, भ्रष्टाचार के खिलाफ कामकाज ठप

गोरखपुर। ख़जनी तहसील में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं के विरोध में ज़ोरदार प्रदर्शन किया। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के.के. सिंह की अगुवाई में अधिवक्ता उप जिलाधिकारी न्यायालय के सामने धरने पर बैठ गए, जिससे पूरा कामकाज ठप हो गया। अधिवक्ताओं का आरोप था कि तहसील में बिना पैसे के कोई भी काम नहीं हो रहा है। नामांतरण जैसे ज़रूरी कार्य महीनों से अटके पड़े हैं और पूरा सिस्टम प्राइवेट मुंशियों के भरोसे चल रहा है।
धरना का संचालन पूर्व अध्यक्ष महेश दुबे ने किया। अध्यक्ष के.के. सिंह ने कहा कि तहसील की अव्यवस्थाओं पर कई बार प्रस्ताव पारित किए गए, लेकिन अधिकारियों ने कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। इसके उलट भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। जनवरी से नामांतरण आदेश की प्रक्रिया या तो ठप है या जानबूझकर लंबित रखी जा रही है। अधिकारी केवल वही काम कर रहे हैं, जिनसे उन्हें व्यक्तिगत लाभ हो।
अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि किसी भी कार्य के लिए फरियादियों को प्राइवेट मुंशियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बिना लेन-देन के कोई काम संभव नहीं है और शिकायत करने पर अधिकारी या कर्मचारी सुनवाई नहीं करते। इससे आम जनता को गहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
धरने में वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, अनूप सिंह, मंत्री राजनाथ दुबे, दरगाही प्रसाद आजाद, उमेश दुबे, पलट राज सिंह, पूर्णमासी यादव, रामप्रीत यादव, गिरजेश राय, मार्कंडेय तिवारी, शैलेंद्र तिवारी, दयानाथ दुबे, कमलेश पांडेय सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि तहसील की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
अधिवक्ताओं का कहना था कि भ्रष्टाचार से न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, बल्कि आम नागरिकों का भरोसा भी प्रशासन से उठ रहा है। उन्होंने उप जिलाधिकारी से मांग की कि तहसील की अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।