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गोरखपुर

गोरखपुर में हेल्थ इंश्योरेंस घोटाले का खुलासा: फर्जी दस्तावेजों से लाखों की ठगी, दो गिरफ्तार

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गोरखपुर पुलिस ने एक बड़े हेल्थ इंश्योरेंस घोटाले का पर्दाफाश किया है। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों और नकली मेडिकल रिपोर्ट के सहारे बीमा कंपनी से लाखों रुपये की ठगी की गई। रामगढ़ताल थाना पुलिस ने इस मामले में डिसेन्ट हॉस्पिटल के संचालक शमशुल कमर उर्फ सोनू खान और उनके सहयोगी प्रवीण त्रिपाठी उर्फ विकास मणि त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है।

आरोपियों के पास से फर्जी बीएचटी रिपोर्ट, अस्पताल का कंप्यूटर और भारी मात्रा में रिकॉर्ड बरामद हुए हैं।घटना 9 सितंबर 2025 को सामने आई, जब बजाज आलियांज जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि डिसेन्ट हॉस्पिटल और कथित एपेक्स हॉस्पिटल के नाम पर मरीजों को भर्ती दिखाकर 1,80,672 रुपये का क्लेम धोखाधड़ी से हड़प लिया गया।

एपेक्स हॉस्पिटल नाम का कोई अस्पताल अस्तित्व में नहीं था और बीमा धारक कभी इन अस्पतालों में भर्ती नहीं हुए थे।पुलिस ने बताया कि यह एक सुनियोजित गिरोह था, जिसमें हॉस्पिटल संचालक, डॉक्टर और बीमा एजेंट शामिल थे। आरोपियों ने बीमा धारकों का डेटा चुराकर फर्जी मेडिकल दस्तावेज तैयार किए और काल्पनिक मरीजों को भर्ती दिखाया।

डॉक्टरों की मदद से फर्जी बीएचटी रिपोर्ट तैयार कर क्लेम पास कराया गया और रकम हॉस्पिटल के खाते में ट्रांसफर की गई।गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी गंभीर है। शमशुल कमर और प्रवीण त्रिपाठी पर पहले भी विभिन्न अपराधों के मामले दर्ज हैं।

पुलिस ने उनके कब्जे से फर्जी रिपोर्ट, कंप्यूटर और रिकॉर्ड बरामद किए हैं।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर कार्रवाई की गई। रामगढ़ताल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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साथ ही, अन्य संदिग्धों की खोज भी जारी है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि बीमा या मेडिकल क्लेम से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें और निजी जानकारी जैसे ओटीपी या बैंक विवरण किसी के साथ साझा न करें। यह खुलासा गोरखपुर पुलिस की अपराध पर सख्ती और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है।

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