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गाजीपुर

खाद्य और औषधि सुरक्षा विभाग ने 25 लाइसेंस निलंबित किए, कड़े निरीक्षण जारी

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छात्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों के भोजन की नियमित जांच का निर्देश, खाद्य सुरक्षा सख्त

गाजीपुर। जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०), गाजीपुर की अध्यक्षता में रायफल क्लब सभागार में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा किये गए कार्यों का अनुश्रवण किया गया और आगामी कार्यवाही के दिशा-निर्देश दिए गए।

सहायक आयुक्त (खाद्य)-II, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन गाजीपुर ने 16 जुलाई 2025 को हुई पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 (01 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक) में खाद्य अनुभाग ने 303 छापेमारी कर 1153 निरीक्षण किए और 312 नमूने जांच हेतु संग्रहित किए। इनमें से 108 जांच रिपोर्ट अपमिश्रित पाई गईं। न्याय निर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) के न्यायालय में 91 वाद और माननीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में 14 वाद पंजीकृत कराए गए। न्यायालय ने 22 वादों में कुल 6,52,000/- रुपये अर्थदंड लगाया।

औषधि अनुभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3 छापे मारकर 85 निरीक्षण किए और 71 नमूने जांच हेतु संग्रहित किए। दो रिपोर्टें अधोमानक पाई गईं। इस दौरान 25 औषधि लाइसेंस निलंबित किए गए और एक लाइसेंस निरस्त कर दिया गया।

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बैठक में यह निर्देश दिए गए कि जनपद के होलसेल एवं रिटेल मेडिकल स्टोर्स बिना बिल, कैश मेमो या इनवॉइस के दवा का क्रय-विक्रय और भंडारण न करें। औषधि निरीक्षकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि जनपद में सभी औषधि केंद्रों का नियमानुसार निरीक्षण किया जाए और नकली या अधोमानक दवाओं के विक्रय पर रोक लगाई जाए।

खाद्य अनुभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अधोमानक, मिलावटी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर रोक लगाई जाए। मीटिंग में उपस्थित खाद्य व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ सहयोग का आश्वासन दिया।

छात्रों के लिए तैयार भोजन, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भोजन और आगनबाड़ी केंद्रों में बाल विकास पुष्टाहार की नियमित जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा वितरित खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। छोटे खाद्य प्रतिष्ठानों, रेस्टोरेंट्स, ठेलों और जूस विक्रेताओं की सफाई और हाइजीन पर लगातार निरीक्षण किया जाएगा। रीयूज्ड कुकिंग ऑयल (RUCO) के उपयोग के संबंध में आम जनता और खाद्य कारोबारियों को जागरूक किया जाएगा।

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बैठक में जिलास्तरीय अधिकारी, उद्योग और व्यापार मंडल के पदाधिकारी, औषधि निरीक्षक और खाद्य सुरक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।

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