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वाराणसी

फर्जी कॉल सेंटर से साइबर ठगी करने वाले 26 आरोपितों को कोर्ट से जमानत

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वाराणसी। फर्जी कॉल सेंटर चलाकर निवेश और ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले 26 साइबर आरोपितों को अदालत से जमानत मिल गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने सभी आरोपियों को 25-25 हजार रुपये की दो जमानतें एवं बंधपत्र जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव गुड्डू, नरेश यादव और संदीप यादव ने पैरवी की।

पुलिस छापेमारी में 26 साइबर अपराधी पकड़े गए

प्रकरण के अनुसार डीसीपी क्राइम सरवणन टी को सूचना मिली थी कि लक्सा और सिगरा क्षेत्र में कुछ शातिर अपराधी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। इसके अलावा आरोपित ऑनलाइन निवेश टिप्स और फ्रॉड वीडियो भेजकर लोगों से क्यूआर कोड और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए पैसे ऐंठते थे।

एंजल कंपनी के नाम पर डीमैट अकाउंट खुलवाकर ठगी

आरोपियों का गिरोह एंजल कंपनी में डीमैट अकाउंट खोलने के नाम पर भी लोगों को धोखा देता था। शिकायत मिलने पर साइबर सेल के साथ सिगरा और लक्सा पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए छापेमारी की। इस दौरान 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। तलाशी में 54 मोबाइल फोन, लैपटॉप, एटीएम कार्ड, चेकबुक और अन्य दस्तावेज बरामद हुए।

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दो साल से सक्रिय था फर्जी कॉल सेंटर

जांच में सामने आया कि वाराणसी में यह फर्जी कॉल सेंटर करीब दो वर्षों से संचालित हो रहा था। एनसीआरबी के टोटल 57 शिकायत पोर्टल पर दर्ज हुई थीं जिनमें इन आरोपियों की संलिप्तता पाई गई। यह गिरोह खास तौर पर दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पश्चिम भारत के गुजरात एवं महाराष्ट्र के लोगों को ज्यादा निशाना बना रहा था।

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