वाराणसी
खौलती दाल से झुलसा मासूम
टीचर बोलीं- “घर में जलता तो क्या करतीं, अब इलाज कराओ”
वाराणसी। फुलवरिया वार्ड के पहलुकापुरा प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को मिडडे मील के दौरान बड़ा हादसा हो गया। कक्षा एक का छात्र ऋषभ सोनकर खौलती दाल गिरने से गंभीर रूप से झुलस गया। परिवार का आरोप है कि घटना के बाद शिक्षकों ने लापरवाही दिखाई और जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
सोमवार दोपहर करीब 2 बजे बच्चे मिडडे मील ले रहे थे। उसी दौरान किसी सहपाठी ने ऋषभ को धक्का दे दिया। वह गर्म दाल भरे भगोने के पास गिर पड़ा और भगौना उसके पैरों पर पलट गया। बच्चे के पैरों पर खौलती दाल गिरने से वह बुरी तरह झुलस गया।
ऋषभ की दादी उषा देवी ने बताया कि जब उन्होंने शिक्षिका से सवाल किया तो टीचर ने जवाब दिया— “घर में जल जाता तो क्या करतीं। हो गया अब इलाज कराओ।”
परिजनों का कहना है कि घटना के बाद बच्चे को पास के डॉक्टर के यहां ले जाया गया, लेकिन स्कूल की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई गई। स्थिति बिगड़ने पर शाम को परिजन ऋषभ को कबीरचौरा अस्पताल की इमरजेंसी ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा करीब 30 प्रतिशत जला है और फिलहाल बर्न वार्ड में भर्ती है। इलाज जारी है।
अस्पताल में भर्ती ऋषभ दर्द से कराह रहा है। उसने बताया कि वह लाइन में खड़ा था तभी किसी ने पीछे से धक्का दे दिया, जिससे वह दाल में गिर गया। किसने धक्का दिया, उसे इसकी जानकारी नहीं है।
ऋषभ के पिता संतोष सोनकर जन्मजात दिव्यांग हैं और सब्जी का ठेला लगाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। घर में मां उषा देवी, पत्नी और बड़ी बेटी जानवी भी हैं। घटना के समय संतोष सब्जी बेचने निकले हुए थे। रात आठ बजे घर लौटने पर उन्हें बेटे के झुलसने की जानकारी हुई।
ऋषभ की दादी उषा देवी का कहना है कि घटना के बाद से अब तक न तो स्कूल से कोई शिक्षक बच्चे का हाल जानने अस्पताल पहुंचा और न ही फोन पर संपर्क हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि जिम्मेदार लोग घटना से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
पिता संतोष सोनकर ने कहा— “टीचर कह रही हैं कि किसी बच्चे ने धक्का दिया। अगर ऐसा होता तो हाथ भी जलते। सिर्फ पैर ही क्यों जले? इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और लापरवाह शिक्षकों व प्रधानाचार्या पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”
स्कूल के सहायक अध्यापक जफर ने बताया कि घटना के समय वे बाहर थे। रसोइया ने उन्हें बताया कि खाना बांटते समय बच्चे ने धक्का दिया, जिससे दाल गिर गई। इस दौरान रसोइया भी दाल के छींटों से झुलस गई। वहीं, परिजनों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपील की है कि बच्चे का समुचित इलाज कराया जाए और जिम्मेदार शिक्षकों व प्रधानाचार्या पर कार्रवाई की जाए।
