गाजीपुर
खरीफ फसलों के लिए उर्वरक आपूर्ति जारी, किसानों को वैज्ञानिक प्रयोग की सलाह
गाजीपुर। जनपद में खरीफ फसलों की द्वितीय टॉप-ड्रेसिंग का कार्य तीव्र गति से जारी है। किसानों द्वारा रासायनिक उर्वरकों की तेजी से खरीद और फसलों में उनका उपयोग किया जा रहा है। जिले में उर्वरकों की आपूर्ति निरंतर सुनिश्चित की जा रही है और किसी भी प्रकार की कमी नहीं है।
एक सप्ताह पूर्व जनपद को 2600 मैट्रिक टन इफको यूरिया प्राप्त हुआ, जिसका वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों तक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 24 अगस्त 2025 को डीएपी पीपीएल कंपनी का 670 मैट्रिक टन और टीएसपी एनएफएल का 213 मैट्रिक टन प्राप्त हुआ, जिसे सत्यापन के बाद किसानों में वितरित किया जाएगा। 26 अगस्त 2025 को जीएसएफसी और इन्डोरामा से कुल 1110 मैट्रिक टन यूरिया जनपद को प्राप्त होगा।
जिलाधिकारी, गाजीपुर के निर्देशानुसार थोक और फुटकर उर्वरक विक्रेताओं तथा सहकारी समितियों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 113 नमूनों की जांच की गई, जिनमें यदि कोई अमानक पाया गया तो संबंधित के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। निजी और सहकारी क्षेत्र को मिलाकर जनपद में लगभग 9377 मैट्रिक टन यूरिया, 6045 मैट्रिक टन डीएपी, 4121 मैट्रिक टन एनपीके, 3272 मैट्रिक टन एसएसपी और 955 मैट्रिक टन पोटाश भंडारित हैं और आगे भी सप्लाई प्लान के अनुसार आपूर्ति जारी है।
खरीफ सत्र में 1 अप्रैल 2025 से 24 अगस्त 2025 तक 30,486 मैट्रिक टन यूरिया और 9,252 मैट्रिक टन डीएपी वितरण हो चुका है। 24 अगस्त 2025 को उर्वरक बिक्री केंद्रों से 481 मैट्रिक टन यूरिया और 88 मैट्रिक टन डीएपी किसानों को वितरित किया गया।
जिला कृषि अधिकारी रमेश कुमार ने किसानों से अपील की है कि वे वैज्ञानिक संस्तुतियों के अनुसार ही उर्वरकों का क्रय और प्रयोग करें। आवश्यकता से अधिक उर्वरक के प्रयोग से खेती की लागत बढ़ती है और मृदा व पर्यावरण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए किसान भाई हरी खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नैनो डीएपी और नैनो यूरिया का उपयोग करें।
