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Independence Day : पीएम मोदी ने लाल किले से बताया भारत के भविष्य का रोडमैप

नई दिल्ली। पूरे देश में आज 79वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 7:21 बजे दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर पहुँचकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए वीर जवानों के साहस और देशभक्ति की सराहना की। ध्वज फहराने के तुरंत बाद राष्ट्रीय गान गाया गया, जबकि सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर कार्यक्रम को और भव्य बना दिया।
एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
पीएम मोदी ने देश को बताया कि भारत समुद्र के भीतर तेल के भंडार खोजने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है। डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन और नेशनल क्रिटिकल मिशन के जरिए भारत ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भर बनेगा।
गगनयान और अंतरिक्ष में भारत की तैयारी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत मिशन गगनयान पर तेजी से काम कर रहा है। देश के 300 से अधिक स्टार्टअप स्पेस सेक्टर में सक्रिय हैं। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आधुनिक ईकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है।
न्यूक्लियर ऊर्जा और निजी क्षेत्र को अवसर
प्रधानमंत्री ने 10 नए न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने का काम जारी रखने की जानकारी दी। इस सेक्टर में निजी क्षेत्र के लिए रास्ते खुले हैं और ऊर्जा क्षमता को 10 गुना बढ़ाने की योजना है।
डिजिटल इंडिया और आईटी का महत्व
पीएम मोदी ने डिजिटल और डेटा सेक्टर पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने दुनिया को यूपीआई जैसी तकनीकी क्षमता दिखा दी है। साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की योजना पर भी चर्चा की।
नारी शक्ति और रोजगार में योगदान
प्रधानमंत्री ने ‘लखपति दीदी’ और नारी शक्ति की उपलब्धियों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये देने की योजना लागू की जा रही है, जिससे लगभग 3.5 करोड़ नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
सुरक्षा, घुसपैठ और सुदर्शन चक्र मिशन
पीएम मोदी ने घुसपैठियों और देश की सुरक्षा पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करने की घोषणा की, जो दुश्मन के हमलों को न्यूट्रलाइज करने के लिए अत्याधुनिक हथियार प्रणाली होगी।
सांस्कृतिक विविधता और भाषाओं को बढ़ावा
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की शक्ति उसकी सांस्कृतिक विविधता में है। मराठी, असमिया, बंगला, पाली और प्राकृत को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया गया है। ज्ञान भारतम योजना के तहत पुराने दस्तावेजों और पांडुलिपियों को तकनीक के माध्यम से सामने लाया जा रहा है।