गाजीपुर
गोपीनाथ पीजी कॉलेज से निकली भव्य तिरंगा यात्रा, गूंजे देशभक्ति के नारे

गाजीपुर। गोपीनाथ पीजी कॉलेज, देवली, गाज़ीपुर में गुरुवार को राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में “हर घर तिरंगा” के अंतर्गत एक तिरंगा यात्रा निकाली गई। यह कार्यक्रम शासन व वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के निर्देशन में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य आमजन को तिरंगे के प्रति सम्मान और देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत करना था। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाओं ने मिलकर तिरंगा यात्रा के माध्यम से देश की एकता, अखंडता और विविधता का संदेश दिया।
तिरंगा यात्रा की अगुवाई कॉलेज प्राचार्या डॉ. सुधा त्रिपाठी व डीसीएसके पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. ए. के. मिश्रा ने की। इस अवसर पर संबोधित करते हुए डॉ. सुधा त्रिपाठी ने कहा कि भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के निर्देशानुसार 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा 2025’ कार्यक्रम का आयोजन देशभर में 2 से 15 अगस्त 2025 तक किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत भारत सरकार की ओर से की गई है। हर साल यह अभियान 13 अगस्त से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलता है। इस अभियान के दौरान लोग अपने घरों, दुकानों, कारखानों और महाविद्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं।
उन्होंने कहा कि तिरंगा फहराना भारत में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राष्ट्रीय गौरव, एकता, अखंडता एवं स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह केवल देश के स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के लागू होने का उत्सव ही नहीं है, बल्कि उन सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और आत्मबलिदान करने वाले वीर सपूतों के प्रति श्रद्धांजलि भी है।
प्रबंधक शिवम त्रिपाठी ने कहा कि तिरंगा हमारे देश का गौरव व अभिमान है, हमें इसका सम्मान करना चाहिए। इसी क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वेद प्रकाश तिवारी व मुनव्वर अली ने कहा कि हमें अपने देश की सेवा, बलिदान व सुरक्षा-सम्मान के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
इसी अवसर पर कॉलेज संरक्षक राकेश तिवारी, ग्राम प्रधान देवली हीरामणि चौहान व महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अंजना तिवारी, डॉ. चन्द्रमणि पांडेय, डॉ. गिरिश चंद्र, प्रतिमा पांडेय, अंकित राय, डॉ. ऋषिकेश तिवारी, रणजीत यादव, नवनीत सिंह, विजयलक्ष्मी त्रिपाठी, अनिल राव, सौरभ वर्मा, रवि शर्मा आदि के अतिरिक्त बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।