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वाराणसी

BHU : तीन घंटे की जटिल सर्जरी से मासूम को मिली नई जिंदगी

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वाराणसी। आईएमएस बीएचयू में पहली बार दो माह के बच्चे के दिल के सिकुड़े वॉल्व की सफल सर्जरी की गई। पिछले सप्ताह तीन घंटे चली इस जटिल प्रक्रिया में कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. विकास अग्रवाल के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने बलून एओर्टिक वॉल्वुलोप्लास्टी (बीएवी) के जरिए वॉल्व को तार के माध्यम से फैलाया। सर्जरी के बाद बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ बताया जा रहा है।

दो माह का यह बच्चा सांस लेने में दिक्कत की समस्या लेकर अस्पताल लाया गया था। जांच में पता चला कि उसके दिल का एओर्टिक वॉल्व सिकुड़ा हुआ है, जिसे चिकित्सकीय भाषा में एओर्टिक स्टेनोसिस कहते हैं। इस स्थिति में वॉल्व के संकरे होने से शिशुओं में हृदय विफलता, दूध पीने में कठिनाई और वजन न बढ़ने जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे मामलों में सर्जरी बेहद जटिल मानी जाती है, हालांकि बीएवी पद्धति में जटिलता अपेक्षाकृत कम होती है।

सर्जरी टीम में डॉ. प्रतिभा राय, डॉ. मोहन, डॉ. विकास, डॉ. प्रताप, प्रो. एपी सिंह, डॉ. संजीव और डॉ. प्रतिमा शामिल रहे। विभागाध्यक्ष प्रो. अग्रवाल ने बताया कि इतनी कम उम्र के मरीज पर बीएचयू में यह पहली सर्जरी है। सफलता के बाद अभिभावकों ने चिकित्सकों के प्रति आभार जताया।

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