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वाराणसी

लियाफी का ऐलान: पॉलिसी सरेंडर नियम वापस लो वरना होगा आंदोलन

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वाराणसी। काशी विश्वनाथ की पावन नगरी बनारस में ऑल इंडिया लियाफी की 77वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 12 और 13 जुलाई को आयोजित हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता लियाफी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नयन कुमार कमल और महासचिव डॉ. कुलदीप बौंल्या ने की। भारतीय जीवन बीमा निगम के 113 मंडल कार्यालयों और 8 जोनल कार्यालयों से संगठन के अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष इसमें शामिल हुए। बैठक में भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी सोमेश विश्वास, पवन उपाध्याय, सर्वेश पांडे और राकेश पांडे भी मौजूद रहे।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में एलआईसी और आईआरडीएआई की नई नीतियों पर चर्चा हुई, जिसमें अभिकर्ताओं की आय में कटौती और उनके हितों की अनदेखी जैसे मुद्दे उठे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि अभिकर्ताओं और बीमाधारकों की मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं, तो एलआईसी और भारत सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। बैठक में बीमाधारकों को मिलने वाले बोनस में हो रही कटौती, पॉलिसी लोन की ब्याज दरों को कम करने और उस पर लगने वाला जीएसटी समाप्त करने की भी मांग की गई। एजेंटों के कमीशन में 1956 से अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं होने पर भी नाराजगी जताई गई।

आईआरडीएआई द्वारा प्रथम वर्ष की किश्त के तुरंत बाद पॉलिसी सरेंडर की अनुमति देने के फैसले का विरोध किया गया और तीन वर्ष की पूर्ववर्ती व्यवस्था लागू करने की मांग रखी गई। साथ ही, सरेंडर पर एजेंट से कमीशन की रिकवरी यानी क्लॉ बैक व्यवस्था समाप्त करने की भी मांग की गई। बैठक का संदेश साफ रहा कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अभिकर्ता और बीमाधारक मिलकर बड़ा जनांदोलन खड़ा करेंगे।

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