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दुर्घटना

हादसों की उड़ान: मई-जून में पांच क्रैश, चारधाम हेली सेवा पर रोक

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चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही हेली सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बीते 40 दिनों में उत्तराखंड में पांच हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। ताजा मामला 15 जून का है, जब केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा एक हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास क्रैश हो गया। हादसे में सात लोगों की दर्दनाक मौत हुई, जिनमें एक 23 महीने की बच्ची भी शामिल थी।

इससे पहले 8 जून को एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था जो केदारनाथ जा रहा था। हेलीकॉप्टर बड़ासू हेलीपैड से उड़ान भरने के बाद कुछ दूरी पर सड़क पर आ गिरा। सौभाग्यवश कोई जानहानि नहीं हुई, लेकिन सड़क से गुजर रही एक कार क्षतिग्रस्त हो गई।

मई में तीन बड़े हादसे हो चुके हैं। 8 मई को उत्तरकाशी के गंगनानी में गुजरात की एरोटांस कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी। 12 मई को बद्रीनाथ से लौट रहे हेलीकॉप्टर को विजिबिलिटी कम होने के चलते उखीमठ के पास इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। 17 मई को एम्स की हेली एंबुलेंस भी केदारनाथ के लिए रवाना होते वक्त हादसे का शिकार हुई, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित बच गए।

इन लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए फिलहाल चारधाम हेली सेवा पर रोक लगा दी गई है और नई गाइडलाइंस तैयार की जा रही हैं। सरकार ने संकेत दिया है कि अगली सेवाएं केवल सख्त नियमों और तकनीकी जांच के बाद ही शुरू होंगी।

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हेलीकॉप्टर हादसों के बीच 12 जून को अहमदाबाद में हुआ एअर इंडिया का विमान हादसा और भी खौफनाक था। लंदन जा रहा विमान उड़ान भरते ही तकनीकी गड़बड़ी का शिकार हो गया और मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। हादसे में 241 यात्रियों के साथ-साथ जहां प्लेन गिरा वहां के लोगों को मिलाकर कुल 275 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया।

उत्तराखंड और देशभर में हुए इन हादसों ने हवाई यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। विशेषकर तीर्थ यात्रा के दौरान होने वाले इन हादसों से सरकार की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं।

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