वाराणसी
सत्संग से ही मिलता है जीवन में सुख, शांति और समृद्धि : संत बालक देवाचार्य महाराज
अखिल भारतीय सनातन समिति द्वारा संगीतमय मानस प्रवचन का शुभारंभ, शोभायात्रा में गूंजे जयघोष
वाराणसी। अखिल भारतीय सनातन समिति, जैतपुरा वाराणसी द्वारा मां बागेश्वरी देवी प्रांगण में आयोजित संगीतमय श्रीरामकथा का भव्य शुभारंभ रविवार को विधिवत रूप से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन संतों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कथा के पहले दिन पातालपुरी पीठाधीश्वर अनंत विभूषित श्रीमद् जगतगुरु नरहरिया नंद द्वाराचार्य पूज्य बालक देवाचार्य जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि यदि मनुष्य जीवन में सुख, शांति व समृद्धि चाहता है तो उसे सत्संग और प्रभु भक्ति को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान कलयुग में मानव का जीवन जिस दुख, अशांति और असंतुलन से भरा है, उसका मुख्य कारण उसकी अनियमित दिनचर्या और प्रभु से विमुखता है। सत्संग और भजन के माध्यम से ही व्यक्ति अपने भीतर ईश्वरीय चेतना को जागृत कर सकता है। कथा प्रसंग के दौरान पूज्य महाराज ने भगवान शिव और माता पार्वती द्वारा प्रभु श्रीराम की परीक्षा लेने की कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि “प्रभु श्रीराम स्वयं साक्षात् ब्रह्म हैं, उनकी परीक्षा लेने का प्रयास ही भ्रम है।”
विद्वानों ने भी किया धर्ममूल्यों पर प्रकाश
इस अवसर पर काशी के वरिष्ठ विद्वान और कथावाचक पं. वेदप्रकाश मिश्रा ‘कलाधर’ ने कहा कि धर्म ही मानव जीवन की मूलभूत संरचना है। धर्म से विमुख होकर कोई भी समाज सुखी नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि यदि मानव धर्म के अनुरूप आचरण करता है, तो पारिवारिक और सामाजिक जीवन की समस्याएं स्वतः ही दूर हो जाती हैं।
कलश शोभायात्रा बनी आकर्षण का केंद्र
रामकथा प्रारंभ से पूर्व रविवार प्रातः काल एक भव्य कलश शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा कथा स्थल बागेश्वरी देवी प्रांगण से प्रारंभ होकर नागकुआं, डिगीया प्लाट, राजापुरा, गोपालबाग कॉलोनी होते हुए पुनः कथा स्थल पर आकर संपन्न हुई। शोभायात्रा में सैकड़ों महिलाएं मंगल कलश लेकर, बच्चे, श्रद्धालु और डमरू दल के कार्यकर्ता “जय श्रीराम, सनातन धर्म की जय, हर हर महादेव” जैसे घोषों के साथ सम्मिलित हुए।
शोभायात्रा में मुख्य यजमान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय जायसवाल अपनी धर्मपत्नी डॉ. पुष्पा जायसवाल के साथ अग्रिम पंक्ति में शामिल थे। उनके पीछे पूज्य बालक देवाचार्य जी महाराज भी शोभायात्रा में विराजमान रहे।
सैकड़ों भक्तों की रही सहभागिता
कार्यक्रम को सफल बनाने में भैयालाल जायसवाल, रविशंकर सिंह, विष्णु गुप्ता, जय नारायण गुप्ता, ज्ञानचंद मौर्य, गिरीश वर्मा बबलू, राजेश सेठ, किशोर सेठ, रवि प्रकाश जायसवाल, सुजीत कुमार, जयशंकर प्रसाद गुप्त, दिव्यांश गुप्ता, सत्यनारायण सेठ, श्याम सुंदर सिंह, कमल कुमार सिंह, विवेक जायसवाल, प्रमोद यादव मुन्ना, वतन कुशवाहा, प्रदीप जायसवाल, शिशिर कुमार, माला देवी, अनामिका जायसवाल, तिलक राज मिश्रा, डॉ. बेबी जायसवाल, गीता चौबे, डॉ. अलका जायसवाल, रोशनी देवी, डॉ. सुमित गुप्ता, अनामिका जी, ज्योति जी, जगनारायण गुप्ता, और छेदीलाल जायसवाल सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं की सक्रिय भागीदारी रही।
