वाराणसी
चिरईगांव में तेंदुए की तलाश जारी, ग्रामीण लाठियों के सहारे कर रहे पहरा

वाराणसी। चिरईगांव के गौराकला क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। बीते चार दिनों से वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें दिन-रात कॉम्बिंग कर रही हैं, लेकिन अब तक तेंदुए का कोई सुराग नहीं मिला है। इस दौरान तेंदुए ने तीन लोगों को घायल कर दहशत फैला दी है। सोमवार सुबह भी टीमों की तैनाती बनी रही।
छह गांवों में डर का साया
गौराकला, चिरईगांव, रुस्तमपुर, बरियासनपुर, सीवो और संदहा गांवों में तेंदुए की दहशत सबसे ज्यादा है। ग्रामीण रातभर लाठी-डंडों के साथ पहरा दे रहे हैं और पटाखे फोड़कर तेंदुए को भगाने की कोशिश कर रहे हैं।
ग्राम प्रधान बोले- संसाधनविहीन है विभाग
गौराकला के ग्राम प्रधान राजेश उर्फ राजू ने बताया कि शुक्रवार को कामाख्या नगर कॉलोनी के पास बगीचे में तेंदुआ देखा गया था। मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची, लेकिन उनके पास जरूरी संसाधनों की कमी थी। ड्रोन कैमरे और मुर्गों की व्यवस्था ग्रामीणों ने की, पर शाम होते ही तेंदुआ भाग निकला।
पूर्व प्रधान ने जतायी चिंता
चिरईगांव के पूर्व प्रधान धनंजय मौर्य ने कहा, “ग्रामीण आखिर कब तक डर के साये में रहेंगे ? जिला प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।”
ग्रामीण बोले- खेत जाना भी मुश्किल
स्थानीय निवासी सरस सोनकर, मनीष, पीयूष, साहिल गुड्डू और मीरा ने बताया कि तेंदुए के डर से वे अपने रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पा रहे। बृहस्पतिवार रात को सीवों गांव में एक मवेशी पर तेंदुए ने हमला किया था।
डीएफओ ने दी जानकारी
वन क्षेत्राधिकारी (डीएफओ) स्वाती सिंह ने बताया कि शनिवार को मिले पदचिह्नों से लगता है कि तेंदुआ क्षेत्र से बाहर चला गया है, फिर भी सुरक्षा के लिहाज से कॉम्बिंग जारी है।
ग्रामीणों को जल्द राहत मिलेगी या नहीं, इसका जवाब तो वक्त ही देगा, लेकिन फिलहाल 20 हजार से अधिक लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।