चन्दौली
बेकाबू ट्रक ने ली मजदूर की जान, तीन मासूमों से छिना पिता का साया
पीडीडीयू नगर (चंदौली)। थाना क्षेत्र के छीत्तमपुर गांव में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तिलकु चौहान (32 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई। वह खजूर गांव से किसी काम के सिलसिले में मुगलसराय जा रहे थे, तभी बालू लदा 14 चक्का ट्रक (UP67T 9754) उन्हें कुचलता हुआ निकल गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक बालू उतारने के बाद वापस लौट रहा था, तभी तिलकु उसके पहियों के नीचे आ गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने शोर मचाया और सामने रेलवे क्रॉसिंग के कारण ट्रक को रोका गया। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। क्षेत्रीय पुलिस ने पहुंचकर चालक को सुरक्षित थाने पहुंचाया।
मुआवजे की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों का जुटान
घटना के बाद खजूर गांव के प्रधान प्रतिनिधि बबलू पुष्कर सबसे पहले पहुंचे और स्थिति का जायजा लेकर ग्राम प्रधान सहित अन्य लोगों को सूचित किया। इसके बाद जिला पंचायत सदस्य अजीत यादव उर्फ बब्बू, परोरवा प्रधान रामेश्वर यादव, धरना प्रधान पति श्याम जी गुप्ता, ग्राम प्रधान धर्मेंद्र कुमार, भाजपा नेता जितेंद्र सोनकर समेत कई जनप्रतिनिधि भी घटनास्थल पर पहुंचे और शासन से उचित मुआवजे की मांग पर अड़ गए।
प्रशासन ने दिखायी तत्परता
मौके पर मुगलसराय कोतवाल गगनराज सिंह, अलीनगर थाना प्रभारी विनोद मिश्रा, क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर, क्षेत्राधिकारी राजीव सिसोदिया तथा भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। कुछ देर बाद उप जिलाधिकारी मुगलसराय अनुपम मिश्रा भी पहुंचे और लोगों को आश्वस्त किया कि पीड़ित परिवार को 5 लाख की सहायता निधि दिलाई जाएगी। तत्काल प्रभाव से अंतिम संस्कार हेतु 25,000 की आर्थिक मदद दी गई।
गरीब परिवार, मासूम बच्चों का सहारा छिना
मृतक तिलकु चौहान के तीन छोटे बच्चे हैं—गोलू (13 वर्ष), गुड्डी (12 वर्ष), और आंचल (9 वर्ष)। उनके पिता रंगू चौहान कमलापुर में मुर्गा बेचने का कार्य करते हैं। यह परिवार आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर है।
अवैध ट्रकों का आतंक
ग्रामीणों ने बताया कि छीत्तमपुर की संकरी सड़कों पर भारी ट्रकों का आवागमन ही इस दुर्घटना की मुख्य वजह है। इस मार्ग पर कई बिल्डिंग मटेरियल विक्रेताओं द्वारा लगातार गिट्टी, बालू, सीमेंट और छड़ की ढुलाई होती रहती है। कई बार अखबारों में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया, मगर प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
क्षेत्रीय पुलिस का कहना है कि वे बार-बार ऐसे ट्रक चालकों को मना करते हैं, लेकिन वे नहीं मानते। अक्सर ये ड्राइवर झूठ बोलते हैं कि वे रेलवे के माल की ढुलाई कर रहे हैं, जबकि वास्तव में यह सामग्री स्थानीय विक्रेताओं के पास जाती है।
स्थानीय विधायक नदारद
इस सड़क पर तीन बड़े कॉलेज, जिनमें एक मेडिकल कॉलेज भी शामिल है, स्थित हैं। फिर भी सड़क चौड़ीकरण का कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। विधायक रमेश जायसवाल द्वारा किए गए वादे अब तक फलीभूत नहीं हुए। दुखद बात यह रही कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद विधायक या उनके प्रतिनिधि घटनास्थल पर नहीं पहुंचे।
बबलू पुष्कर का योगदान सराहनीय
घटना के बाद प्रधान प्रतिनिधि बबलू पुष्कर ने प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर त्वरित सहायता राशि दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वह पहले भी क्षेत्रीय समस्याओं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। आज की घटना में भी उन्होंने उपस्थित रहकर मृतक के परिजनों को संबल प्रदान किया।
