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फर्जी सिम रैकेट का पर्दाफाश, सात गिरफ्तार
गुवाहाटी। देशभर में फैलते साइबर फ्रॉड और अवैध मोबाइल नेटवर्क के खतरे के बीच असम पुलिस ने एक बड़े फर्जी सिम कार्ड रैकेट का भंडाफोड़ किया है। ‘ऑपरेशन घोस्ट सिम’ नाम से चलाए गए इस विशेष अभियान में असम, राजस्थान और तेलंगाना के कई जिलों में एक साथ कार्रवाई कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 21 अन्य को हिरासत में लिया गया है।
असम पुलिस को यह सफलता सेना की गजराज कोर मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली सूचना के आधार पर मिली। इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल ब्रांच और स्पेशल टास्क फोर्स ने 14 मई को मामला दर्ज किया और फिर 16 मई से छापेमारी शुरू की गई। पुलिस महानिदेशक हरदीप सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ऑपरेशन के तहत विभिन्न स्थानों से 948 सिम कार्ड और कई तकनीकी उपकरण जब्त किए गए हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राजस्थान के भरतपुर और अलवर, असम के धुबड़ी और तेलंगाना के संगारेड्डी जिलों से हुई है। कुछ गिरफ्तारियां गुवाहाटी और दिल्ली एयरपोर्ट से भी की गई हैं, जिससे स्पष्ट है कि यह नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से फर्जी पहचान पत्रों के माध्यम से सिम एक्टिवेशन कर रहा था, जिनका उपयोग साइबर अपराध और संभावित आतंकी गतिविधियों में हो सकता है।
इन आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 61(2), 147, 148, 62 बीएनएस, यूएपीए एक्ट की धारा 18 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का मानना है कि यह रैकेट न केवल आर्थिक धोखाधड़ी में लिप्त था बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता था।
फिलहाल मामले की जांच जारी है और हिरासत में लिए गए अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। ऑपरेशन घोस्ट सिम को असम पुलिस की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिसने साइबर अपराधियों के एक मजबूत नेटवर्क को बेनकाब किया है।
