वाराणसी
आईएमए बनारस की अनूठी पहल: CPR प्रशिक्षण से बढ़ेगी जनजागरूकता

वाराणसी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बनारस शाखा द्वारा जनहित में एक सराहनीय एवं अत्यंत आवश्यक पहल के अंतर्गत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) पर आधारित कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन, पैरामेडिकल स्टाफ एवं चिकित्सकों को जीवन रक्षक तकनीक सीपीआर के प्रति जागरूक करना एवं उसका व्यावहारिक प्रशिक्षण देना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ आईएमए बनारस के अध्यक्ष डॉ. एस. पी. सिंह ने अतिथियों के स्वागत एवं अभिनंदन के साथ किया। उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति को सीपीआर आना चाहिए, क्योंकि यह किसी भी आपात स्थिति में किसी की जान बचा सकता है।”
संस्था के सचिव डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हृदय गति रुकने (कार्डियक अरेस्ट) की स्थिति में समय पर और सही तरीके से सीपीआर देने की जानकारी हर नागरिक को होनी चाहिए।
कार्यक्रम के संयोजक एवं आईएमए उत्तर प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि, “यदि किसी व्यक्ति की नब्ज महसूस न हो या सांस न आ रही हो, तो 10 सेकंड के भीतर तुरंत सीपीआर शुरू कर देनी चाहिए।”
कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आलोक सिंह ने सीपीआर को जीवन रक्षक तकनीक बताते हुए कहा कि यह चिकित्सकीय कर्तव्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है कि आम लोगों को भी इस तकनीक की जानकारी दी जाए। उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति के सीने में शल्य चिकित्सा हुई हो, उसे ओस्टियोपोरोसिस, कैंसर या पसलियों की कमजोरी हो, तो सीपीआर देते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
आईएमए अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. अनुराग टंडन ने इस प्रकार की जागरूकता कार्यशालाओं को समय-समय पर आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज के लिए न केवल उपयोगी, बल्कि जीवनदायिनी सिद्ध हो सकते हैं।”
कार्यशाला में बड़ी संख्या में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से उपस्थित विशेषज्ञों में डॉ. सुधीर सिंह, प्रो. ए. के. सिंह, डॉ. जिज्ञासु सिंह, वित्त सचिव डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. सी. पी. सिंह, डॉ. एस. के. सिंह, डॉ. भूपेंद्र द्विवेदी, डॉ. शिवशक्ति द्विवेदी, डॉ. देवेश पांडेय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।