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वाराणसी

म्यूल बैंक और फर्जी सिम गैंग का पर्दाफाश, तीन शातिर अपराधी गिरफ्तार

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वाराणसी की साइबर सेल और थाना लालपुर पाण्डेयपुर की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश हुआ है जो म्यूल बैंक खाते और फर्जी सिम कार्ड बनाकर साइबर अपराधियों को बेचता था। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो बड़ी साजिश का हिस्सा बताये जा रहे हैं।

प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब नई बस्ती निवासी मेहताब खान ने गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर अपने आधार से जुड़ी सिमों की जानकारी ली। उन्हें ज्ञात हुआ कि उनके दो सिम कार्ड के अलावा एक और सिम सक्रिय है, जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। इस पर थाना लालपुर पाण्डेयपुर में धारा 318(2) बीएनएस 2023 व 66सी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई और जांच प्रारंभ हुई।

जांच के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने पहड़िया चौराहे से अकथा रोड के बीच से इस गैंग के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से दर्जनों फर्जी सिम कार्ड, बैंक पासबुक, डेबिट कार्ड, बायोमेट्रिक मशीन और नकदी बरामद की गई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये अपराधी गरीब और कम पढ़े-लिखे लोगों को झांसे में लेकर उनके आधार और पैन कार्ड से सिम और बैंक खाता खुलवाते थे। फिर इनका इस्तेमाल साइबर अपराधियों द्वारा दूसरे राज्यों में ठगी और धोखाधड़ी के लिए किया जाता था।

अभियुक्तों में सूर्यकांत विश्वकर्मा, विकास मौर्य और मोहम्मद अरमान शामिल हैं, जो वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं। इनका आपराधिक इतिहास पहले भी साइबर धोखाधड़ी से जुड़ा रहा है। पुलिस ने बीएनएस 2023 की धारा 111 और 76 आईटी एक्ट की बढ़ोतरी भी इस मामले में की है।

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पुलिस टीम ने टेलीकॉम कंपनी को संबंधित पीओएस एजेंट का लाइसेंस रद्द करने और संबंधित बैंक को अपने कर्मी पर कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किये हैं।

इस गिरोह का भंडाफोड़ साइबर अपराध की जड़ों पर एक और प्रभावी प्रहार माना जा रहा है। इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में साइबर सेल और लालपुर पाण्डेयपुर थाना के अधिकारी व सिपाही शामिल रहें।

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