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वाराणसी

वाराणसी जेल से रिहा हुआ कश्मीरी अलगाववादी

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अब भी 15 कश्मीरी अलगाववादी हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद

वाराणसी। भारतीय सेना की पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक से महज दो दिन पहले वाराणसी केंद्रीय कारागार से पत्थरबाजी के आरोप में बंद एक कश्मीरी युवक शाकिर गोजरी को रिहा कर दिया गया। शाकिर को पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) के तहत दो वर्ष पूर्व गिरफ्तार किया गया था। रिहाई के बाद उसे उसके परिजन बारामूला ले गए। सेंट्रल जेल प्रशासन ने इस बाबत जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस व उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी है।

कोटभलवाल जेल से लाकर वाराणसी की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था
बारामूला निवासी शाकिर गोजरी को सेना पर पथराव व हिंसा के आरोप में गिरफ्तार कर पहले जम्मू के कोटभलवाल सेंट्रल जेल में रखा गया था। सुरक्षा कारणों से 9 नवंबर 2023 को उसे वाराणसी लाया गया और हाई सिक्योरिटी अंडा सेल में बंद किया गया, जहां उसे अन्य कैदियों से मिलने की अनुमति नहीं थी।

हाईकोर्ट के आदेश पर ऑपरेशन सिंदूर से पूर्व रिहाई
24 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने शाकिर की रिहाई का आदेश दिया था। इसके बाद बारामूला के डीएम द्वारा जारी आदेश के आधार पर वाराणसी जेल प्रशासन ने 4 मई को शाकिर को रिहा कर दिया। उसे उसके पिता गुलाम नबी गोजरी के सुपुर्द कर दिया गया।

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जेल में अब भी 15 कश्मीरी बंद, विशेष निगरानी में
वर्तमान में वाराणसी सेंट्रल जेल में 15 कश्मीरी PSA बंदी हाई सिक्योरिटी बैरक में रखे गए हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके मिश्र के अनुसार, इन बंदियों की मुलाकात केवल उनके परिजनों से कराई जाती है और वह भी केंद्रीय व राज्य खुफिया एजेंसियों की उपस्थिति में होती है।

तीन साल पहले लाए गए थे 49 अलगाववादी
14 मई 2022 को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से 49 कश्मीरी अलगाववादी व आतंकी वाराणसी लाए गए थे। खुफिया इनपुट था कि जम्मू-कश्मीर की जेलों पर आतंकी हमले की आशंका है, इसी के चलते इन बंदियों को वाराणसी स्थानांतरित किया गया। इनमें से कई के मुकदमे अभी जम्मू की अदालतों में लंबित हैं। रिहाई के आदेश और वेरिफिकेशन के बाद ही उन्हें छोड़ा जा रहा है।

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