Connect with us

मिर्ज़ापुर

स्पॉन्सर योजना से अधिक बच्चों को मिल रहा है लाभ

Published

on

मिर्जापुर। बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में स्पॉन्सर योजना प्रमुख बनकर उभरी है। इस योजना के माध्यम से जिले के अधिक से अधिक बच्चों को सीधा लाभ पहुँचाया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया कि पात्र बच्चों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिससे वे शिक्षा और पुनर्वास के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।

यह हैं पात्रता की शर्तें:

0 से 18 वर्ष तक के वे बच्चे, जिनके माता, पिता या वैध अभिभावक का निधन 1 मार्च 2020 के बाद हुआ हो।

18 से 23 वर्ष तक के वे किशोर, जिन्होंने कक्षा 12 पूर्ण करने के बाद राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थान में प्रवेश लिया हो, तथा स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा कर रहे हों।

Advertisement

राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे NEET, JEE, CLAT उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्र भी पात्र हैं, जब तक वे 23 वर्ष की आयु या अपनी शिक्षा पूर्ण नहीं कर लेते।

बाल सम/बाल भिक्षावृत्ति/वाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चे तथा बालगृहों/संप्रेक्षण गृहों से पुनर्वासित बच्चे भी योजना के अंतर्गत आते हैं।

मिलेगी आर्थिक सहायता:
पात्र लाभार्थियों को प्रतिमाह 2500 की दर से सहायता दी जाएगी। यह राशि कुल 22 छमाही किश्तों में प्रदान की जाएगी। 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में नामांकन होना अनिवार्य है।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:

बैंक पासबुक की छायाप्रति।

Advertisement

फोटो पहचान पत्र (जैसे पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि)।

माता-पिता या अभिभावक के मृत्यु प्रमाण पत्र।

बच्चे का आयु प्रमाण पत्र।

आय प्रमाण पत्र (ग्रामीण क्षेत्र के लिए वार्षिक आय 72,000 तक, शहरी क्षेत्र के लिए 95,000 रुपये तक)। माता-पिता दोनों की मृत्यु होने पर आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

शिक्षण संस्थान में पंजीयन प्रमाण पत्र।

Advertisement

उत्तर प्रदेश निवासी होने का प्रमाण पत्र।


स्पॉन्सर योजना के तहत उन बच्चों को भी शामिल किया गया है जो फुटपाथ पर जीवन यापन कर रहे थे या उत्पीड़न/शोषण का शिकार हुए हैं, तथा जिन्हें सहायता और पुनर्वास की आवश्यकता है।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa