वाराणसी
हरीश मिश्रा जमानत प्रकरण में कोर्ट सख्त, विवेचक से मांगा जवाब

दस्तावेज पेश न करने पर विशेष न्यायाधीश ने जतायी नाराजगी
वाराणसी। करणी सेना के कार्यकर्ताओं से मारपीट के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा उर्फ बनारस वाले मिश्रा जी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दस्तावेजों की अनुपस्थिति पर सख्त रुख अपनाया है। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने विवेचक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया है।
सुनवाई के दौरान हरीश मिश्रा की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव ने आरोप लगाया कि विवेचक जानबूझकर केस से जुड़े आवश्यक दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 21 अप्रैल निर्धारित की है और उससे पूर्व विवेचक को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 12 अप्रैल को सिगरा थाना क्षेत्र में करणी सेना के कार्यकर्ता अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय के साथ सपा नेता हरीश मिश्रा के बीच मारपीट की घटना हुई थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाते हुए सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घटना में दोनों पक्षों को चोटें आई थीं। इसके बाद पुलिस ने हरीश मिश्रा को आईपीसी की धारा 109, 115(2), 191(2) और 352 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अदालत ने यह स्पष्ट किया कि न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी और दस्तावेजों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा।