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वाराणसी

55 एमएलडी की क्षमता के एसटीपी का निर्माण नमामि गंगे के अन्तर्गत स्वीकृत

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

        वाराणसी। परियोजना प्रबन्धक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, उ०प्र० जल निगम ग्रामीण ने बताया कि नगर में कुल 29 नाले गंगा नदी में मिलते है, जिनमें 26 नाले पूर्ण रूप से टैब्ड हैं। दो नग नाले यथा-अस्सी एवं नक्खा नाला आशिक रूप से टैब्ड हैं, जिनके शोधन हेतु 55 एमएलडी की क्षमता के एसटीपी का निर्माण नमामि गंगे के अन्तर्गत स्वीकृत हो चुका है एवं वर्तमान में निविदा प्रक्रिया में है।
        उन्होंने बताया कि एक नग नाला सूजाबाद से लगभग 4.5 एमएलडी सीवेज गंगा नदी में प्रवाहित हो रहा है। जिसके शोधन हेतु एसटीपी बनाने का प्रस्ताव अमृत 2.0 पोर्टल के माध्यम से स्वीकृति हेतु जमा किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वाराणसी नगर के कुल 15 नाले वरुणा नदी में मिलते हैं, जिनमें से 13 नग नाले सिचाई विभाग द्वारा इण्टर सेप्टर सीवर के माध्यम से टैब्ड किया गया है। जो विगत दो तीन वर्षों से बाढ़ के कारण सिल्टेड हो जाने के कारण समचित रूप से क्रियाशील नहीं है, जिसके सुदृढ़ीकरण हेतु डीपीआर उ०प्र० जल निगम ग्रामीण द्वारा तैयार कराया जा रहा है। नरोखर नाला आंशिक रूप से टैब्ड है। जिस हेतु टांस वरुणा क्षेत्र के बचे हुए भाग हेतु कम्प्रेहेन्सिव सिवरेज नेटवर्क की परियोजना उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय द्वारा अमृत 2.0 कार्यक्रम में स्वीकृति हेतु प्रेषित की गयी है। दुर्गा नाला नगर निगम सीमा विस्तार होने के उपरान्त सम्मिलित लोहता क्षेत्र से दुर्गा नाला के माध्यम से लगभग 37 एमएलडी सीवेज वरूणा नदी में अशोधित प्रभावित हो रहा है। जिसके शोधन हेतु 55 एमएलडी क्षमता के एसटीपी निर्माण का प्रस्ताव नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत एनएमसीजी नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। वाराणसी शहर में वर्तमान में कुल सात नग सीवेज ट्रिटमेन्ट प्लान्ट अधिष्ठापित है। जिनकी कुल क्षमता 420 एमएलडी है। जिनमें 324 एमएलडी सीवेज का शोधन हो रहा है।

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