गाजीपुर
हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं अभियान की शुरुआत

बहरियाबाद (गाजीपुर)। हेलमेट हमारी जिंदगी की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार विशेष सड़क सुरक्षा अभियान के तहत “हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं” की शुरुआत होने वाली है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 दोपहिया चालक और पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट लगाना अनिवार्य करती है और धारा 194 (डी) के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है। इस अभियान की शुरुआत करने के लिए जन-जन तक जन अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि दोपहिया वाहनों को चलाने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आजकल आए दिन सड़कों पर दोपहिया वाहनों के टकराव से लोग घायल होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। यातायात के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से इस तरह की दुर्घटनाएं तेजी से हो रही हैं।
‘हेलमेट नहीं तो तेल नहीं’ यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि भारत में सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त और प्रभावी कदम है। यह नियम खास तौर पर पेट्रोल पंपों पर लागू किया गया है, जिसका सीधा मतलब है कि अगर आप टू-व्हीलर पर बिना हेलमेट के आए हैं, तो आपको पेट्रोल नहीं मिलेगा। यह पहल लोगों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करती है और सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को कम करने में मदद करती है।
जीवन की सुरक्षा: हेलमेट सिर को गंभीर चोटों से बचाता है, जो कि बाइक दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हेलमेट पहनने से सिर में लगने वाली चोटों का खतरा 70% तक और मृत्यु का खतरा 40% तक कम हो जाता है।
कानून का पालन: भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य है। ‘नो हेलमेट नो पेट्रोल’ की नीति इस कानून को और भी मजबूती से लागू करती है।
जागरूकता बढ़ाना: यह नियम लोगों को लगातार याद दिलाता है कि हेलमेट पहनना कितना महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ जुर्माना भरने से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
समाज में बदलाव: जब यह नियम सख्ती से लागू होता है, तो धीरे-धीरे यह एक आदत बन जाता है। लोग बिना हेलमेट के घर से निकलने की सोच भी नहीं पाते, जिससे सड़क सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
सिर की चोटों से बचाव: हेलमेट का सबसे बड़ा काम सिर को गंभीर चोटों से बचाना होता है। दुर्घटना होने पर सिर सबसे ज्यादा चोटिल होता है। हेलमेट सिर को सीधे जमीन या किसी अन्य वस्तु से टकराने से बचाता है, जिससे सिर के अंदरूनी हिस्सों जैसे मस्तिष्क को नुकसान नहीं होता। हेलमेट में एक खास तरह का फोम या लाइनर होता है, जब कोई टक्कर होती है तो यह फोम झटके को सोख लेता है और उसे पूरे हेलमेट में फैला देता है, जिससे एक ही जगह पर चोट का दबाव कम हो जाता है। हेलमेट का शीशा हमें हवा, धूप, कीड़ों और बारिश से बचाता है, जिससे हमारी दृष्टि साफ रहती है और हम रास्ते को ठीक से देख पाते हैं। इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है।
यातायात व्यवस्था में सुधार: जब लोग नियमों का पालन करते हैं, तो यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलती है और कानून-व्यवस्था बनी रहती है। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं और पेट्रोल पंप मालिकों के साथ बहस करते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए सख्त निगरानी, पुलिस का सहयोग और लोगों को लगातार जागरूक करने की जरूरत है। सरकार और यातायात पुलिस को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह नियम प्रभावी ढंग से लागू हो सके।
‘हेलमेट नहीं तो तेल नहीं’ एक बहुत ही समझदारी भरा और जीवन बचाने वाला कदम है। यह नियम हमें याद दिलाता है कि हमारी सुरक्षा सबसे ऊपर है। पेट्रोल पंप पर थोड़ी सी असुविधा आपको हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित कर सकती है, लेकिन यह आपकी जान बचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए, जब भी आप अपनी बाइक पर निकलें, तो हमेशा हेलमेट पहनें और खुद को सुरक्षित महसूस करने के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।