गाजीपुर
हिंदी पखवाड़ा एवं गांधी जयंती पर मीडिया सम्मान समारोह सम्पन्न

पत्रकारों के योगदान को सराहा गया, संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारियों पर हुआ विचार-विमर्श
गाजीपुर। श्री महंत रामाश्रय दास पीजी कॉलेज, भुडकुंडा के संत बुला सभागार में हिंदी पखवाड़ा समापन के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को स्मरण करते हुए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर कॉलेज प्रशासन की ओर से मीडिया सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें क्षेत्रीय पत्रकारों के योगदान को सराहा गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. बृजेश जायसवाल ने की, जबकि मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. ए.के. राय और विशिष्ट अतिथि रमेश प्रसाद सोनी रहे। संचालन का दायित्व प्रो. रमेश जी ने संभाला। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई।
मुख्य अतिथि डॉ. ए.के. राय ने कहा कि “पत्रकारिता आज के दौर में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। पत्रकार अपनी कलम से समाज की अच्छाइयों, बुराइयों और कुरीतियों को उजागर कर जनता तक सच पहुँचाते हैं। कठिन परिस्थितियों में भी वे गरीब-अमीर, संत-सन्यासी हर वर्ग की आवाज़ बनते हैं। समाज को जागरूक करने का जो दायित्व पत्रकार निभाते हैं, वह अतुलनीय है।”
उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारों को सम्मानित करना न केवल उनके कार्य की स्वीकृति है, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा है।
प्राचार्य डॉ. बृजेश जायसवाल ने कहा कि “आज का दिन ऐतिहासिक है। विजयादशमी के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती का पावन अवसर है। इस दिन पत्रकारों का सम्मान करना गर्व की बात है। पत्रकार कठिन परिस्थितियों में भी न्याय और सच्चाई की लड़ाई लड़ते हैं, इसलिए यह सम्मान उन्हें समर्पित है।”
इस अवसर पर क्षेत्र के प्रमुख पत्रकारों और शिक्षाविदों का सम्मान किया गया। सम्मानित होने वालों में रमेश प्रसाद सोनी, वेद प्रकाश पांडे, उग्रसेन सिंह, शिव प्रकाश पांडे, कमलेश यादव,अशोक कुमार गुप्ता, अमित जायसवाल,सुरेश चंद्र पांडे, उपेंद्र कुमार, राहुल राहुल, आनंद प्रजापति शामिल रहे। वहीं, शिक्षकों में प्रो. संजय, प्रो. सत्य प्रकाश समेत बड़ी संख्या में प्राध्यापक और विद्यार्थी मौजूद रहे।
यह कार्यक्रम न केवल पत्रकारिता और शिक्षा जगत को जोड़ने वाला साबित हुआ, बल्कि महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने की प्रेरणा भी प्रदान करता रहा।