वाराणसी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणजीत सिंह की 37वीं पुण्यतिथि मनाई गई
रिपोर्ट – प्रवीण कुमार सिंह
लोहता।महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणजीत सिंह उर्फ बाबा जी की पुण्यतिथि सनत कुमार सिंह अध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ काशी विद्यापीठ वाराणसी के निज आवास ग्राम भट्टी लोहता वाराणसी पर
मनाई गयी। जिसमें भारी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया। मुख्यअतिथि मनोज राय धूप चण्डी(पूर्व राज्य मंत्री) विशिष्ट अतिथि मा. सुरेन्द्र नारायण सिंह,पूर्व विधायक श्री दण्डी स्वामी अनंतानंद सरस्वती, आनन्द मोहन गुड्डू,रमाकांत सिंह मिन्टू, दिनेश सिंह,सुनिल सिंह जिला पंचायत सदस्य,गगन यादव जिला पंचायत सदस्य, शमीम नोमानी सभासद, सुजीत यादव जिलाअध्यक्ष सपा एवं विजयराज यादव जिलाध्यक्ष पिछड़ा मोर्चा ,विश्वेश्वर सिंह वीरु, शिवमुनि राय, धर्मराज मौर्या,सहित श्रेत्र के प्रधान, बी डी सी एवं गणमान्य नागरिक गण की उपस्थिति रहेगी। तदुपरान्त गणमान्य लोगों द्वारा बाबा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया गया। वक्ताओं ने बताया कि रणजीत सिंह उर्फ बाबा जी नौकरी छोड़कर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े ।1922 में 1930 में 1932 में 1947 एवं 1942 के आंदोलनों में कुल 5 बार जेल गए। काशी विद्यापीठ ब्लाक मुख्यालय पर स्थित कीर्ति स्तंभ में उनके नाम का अंकन एवं सन् 1972 में भारत वर्ष के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा स्वतंत्रता के 25वें वर्ष पर ताम्रपत्र भेंट कर सम्मान प्रदान किया गया। आजादी की लड़ाई में 5 वर्ष की अविस्मरणीय जेल यात्राओं मे उन्हें भारी यातनाओं के साथ -साथ 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹75 का जुर्माना भी देना पड़ा था। जेल के अंदर डॉ संपूर्णानंद, लोकबंधु राजनारायण, पंडित कमलापति त्रिपाठी, निहाला सिंह जी जैसे सेनानियों के आदर पात्र रहे। प्रतिदिन संध्या वंदन, कीर्तन एवं देश भक्ति गीत से जेल में बंद कैदी भी इनके मुरीद थे। जेल में भी मंदिर का पूजा इनके द्वारा किया जाता था जिससे इन्हें उपनाम बाबा जी से प्रसिद्धि मिली। 1922 से आजीवन राज्य खादी वस्त्र धारण करना तथा 1930 के नमक सत्याग्रह आंदोलन से नमक न खाने की प्रतिज्ञा लेकर आजीवन नमक न खाना सत्याग्रही होने का प्रमाण है। ज्ञान स्वरोदय के ज्ञानी रणजीत सिंह बाबा जी बिना घड़ी देखे सटीक समय दिन के अलावा अंधेरी रात में बिल्कुल सही बता दिया करते थे जैसे उनकी आंखों में घड़ी ही फिट हो। सत्य अहिंसा के पुजारी रणजीत सिंह बाबा जी सदैव भगवद् भक्ति, मस्ती राष्ट्रभक्ति और स्मरण शक्ति में भी अतुलनीय थे। सर्वमंगल की कामना से सत्य व अहिंसा पूर्ण आचरण उनमे सदैव परिलक्षित होता था। वे अपने समय के नौजवानों के लिए प्रेरणा स्रोत तो थे ही, आगे आने वाली पीढ़ियां उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से मार्गदर्शन प्राप्त करती रहेगी। पुण्यतिथि सभा में जिले भर के विशिष्ट एवं गणमान्य लोगों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रणजीत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया।पुण्यतिथि सभा में “राष्ट्र की उन्नति में हमारा योगदान व हमारे इरादे “विषयक व्याख्यान पर चर्चा परिचर्चा किया। अतिथि गण के अलावां मुख्य रूप से हरीश मिश्रा,अरविंद सिंह,रवि,ओमप्रकाश सिंह खन्झाटी,चंद्रभूषण सिंह गुड्डू, विजयराज यादव,सनत कुमार सिंह, सुभाष सिंह, सान्तेश्वर मिश्र,अवधेश सिंह,कौशल सिंह, श्रीपादबल्लभ वक्षी ,अनूप सिंह, राजेश सिंह, संजय राय,मनोज कुमार, विजय लाल गुप्ता,राजेश शुक्ला, राजीव सिंह,विपिन पाण्डेय,सुरेंद्र सिंह,विरेन्द्र यादव, विरेन्द्र गुप्ता,विवेक यादव, शिव कुमार सिंह,अंजनी कुमार उर्फ निहाला सिंह, अरविन्द कुमार सिंह, रेवती रमण सिंह धीरज, रमाशंकर मौर्य, संतोष राय,जे.आर पांडेय,सचिन्द्र पंकज, अरुण सिंह,रामानंद सिंह,परमानन्द सिंह, प्रमोद सिंह, अवधेश सिंह,संजय सिंह,संदीप सिंह कपिल,गोल्डेन, अमित सिंह पिन्टू,मनोज राय पिन्टू, गोल्डेन सिंह,कमल साहेब,जय साहेब,आनन्द सिंह,विवेक सिंह, चन्द्र प्रकाश, राकेश पाण्डेय,मनीष सिंह, राजेश सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। सनत कुमार सिंह संचालन श्री आशीष राय जिला उपाध्यक्ष किसान मोर्चा भाजपा व सह संचालन अरविन्द सिंह ने किया।
