वाराणसी
सेल्फी विद होर्डिंग अभियान: पूर्वजों की आस्था से गूंजा काशी

वाराणसी में पितृपक्ष पर शुरू हुआ भावनात्मक अभियान
वाराणसी। पितृपक्ष के पावन अवसर पर रजत सिनर्जी फाउंडेशन और रजत सिनर्जी ग्रुप ने “सेल्फी विद होर्डिंग” नामक एक अनूठी मुहिम शुरू की, जिसने शहरवासियों के दिल और आत्मा को गहराई से छू लिया। इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ आकर्षक होर्डिंग्स के साथ सेल्फी लेना और सोशल मीडिया पर साझा करना नहीं था, बल्कि पूर्वजों को सम्मानित कर पाँच पीढ़ियों की विरासत को जीवित रखना था।
पाँच पीढ़ियों की तस्वीरों से सजे विशेष होर्डिंग्स
काशी के विभिन्न स्थानों पर दस विशेष होर्डिंग्स लगाए गए, जिन पर पाँच पीढ़ियों की तस्वीरें सजी थीं। नागरिकों से अपील की गई कि वे इन होर्डिंग्स के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर साझा करें। कुछ ही दिनों में करीब पाँच सौ लोगों ने इस अभियान में भागीदारी की और पूरे शहर में श्रद्धा, स्मरण और अपनत्व की एक सामूहिक लहर फैल गई।
स्मृतियों से जुड़ा भावुक अनुभव
इस पहल का असर केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि लोगों ने अपने पूर्वजों की स्मृतियों को फिर से जीवंत किया। कई परिवारों ने पुराने एलबम खोजे, तस्वीरों को पोर्ट्रेट बनवाया और अपने घरों में स्थापित किया। अभियान संयोजक रजत मोहन पाठक ने बताया कि उनके मित्र अनोज डीडवानिया ने अपने रिश्तेदारों की धुंधली तस्वीरों को पोर्ट्रेट में बदलवाया। जब उन्हें यह पोर्ट्रेट मिला तो उन्होंने भावुक होकर कहा—“पूर्वजों का मूल्य नहीं लगाया जा सकता, ऐसा करना पाप होगा।” वे नंगे पैर पोर्ट्रेट लेने पहुँचे और नंगे पैर ही उसे घर ले जाकर स्थापित किया। यह क्षण उनके लिए जीवन का सबसे भावुक अनुभव बन गया।
रिश्तों और विरासत का उत्सव
व्यापार सेतु के ऋषि झींगरन ने भी इस अभियान को अतीत और वर्तमान को जोड़ने वाला एक जीवंत सेतु बताया। उनके अनुसार, यह केवल तस्वीरें नहीं थीं बल्कि पूर्वजों की झलक से जोड़ने वाली अमूल्य धरोहर थीं। इस अभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब व्यक्तिगत श्रद्धा को सामूहिक मंच मिलता है तो वह आंदोलन का रूप ले लेती है।
आने वाली पीढ़ियों के लिए गहरा संदेश
“सेल्फी विद होर्डिंग” अभियान ने साबित किया कि पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता केवल निजी भावना नहीं बल्कि समाज की साझा जिम्मेदारी है। रजत सिनर्जी ग्रुप की यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है कि हमारे पूर्वज ही हमारे वर्तमान और भविष्य की मजबूत आधारशिला हैं।