गोरखपुर
सहजनवा में अज्ञात दबंगों ने सीमांकन की चारदीवारी तोड़ी, दर्जनों फलदार पेड़ काटे

गोरखपुर। सहजनवा थाना क्षेत्र के ग्राम चांदवारी में बीती रात अज्ञात दबंगों द्वारा किए गए उत्पात से ग्रामीणों में भय और आक्रोश का माहौल है। घटना लगभग रात 12 बजे के बाद की बताई जा रही है, जब गांव के किनारे स्थित डॉ. संतोष कुमार एवं ऋषि देव कुमार की सीमांकन की चारदीवारी को तोड़कर करीब 120 डिसमिल भूमि पर लगे दर्जनों फलदार वृक्षों को काटकर भारी क्षति पहुंचाई गई। यह घटना न केवल संपत्ति का नुकसान है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी एक गंभीर अपराध है।
डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि वे और उनका परिवार जनपद संत कबीर नगर में रहकर रोजगार के माध्यम से परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनके अनुपस्थिति में कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने इस कृत्य को अंजाम दिया। जब सुबह गांव के लोगों ने बाउंड्री टूटी देखी तो उन्होंने तत्काल डॉ. संतोष को फोन से सूचना दी। सूचना पाकर डॉ. संतोष कुमार मौके पर पहुंचे और दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए — चारदीवारी टूटी हुई थी, दर्जनों आम, अमरूद, नींबू, कटहल और अन्य वृक्ष जड़ से उखाड़ दिए गए थे।
मौके की स्थिति देखकर यह साफ प्रतीत होता है कि घटना किसी सुनियोजित रंजिश या भूमि विवाद का परिणाम हो सकती है, हालांकि पीड़ित ने स्पष्ट किया कि उनका किसी से कोई व्यक्तिगत या पारिवारिक विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा गांव में किसी से कोई पुराना झगड़ा नहीं है। यह घटना पूर्ण रूप से दबंगई का परिचायक है। शासन-प्रशासन से निवेदन है कि इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जाए और दोषियों को कठोर दंड दिया जाए।”
डॉ. संतोष कुमार एवं ऋषि देव कुमार ने सहजनवा थाना पहुंचकर घटना की लिखित तहरीर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह का कृत्य न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती है, बल्कि सरकार की पर्यावरण सुरक्षा नीति का भी खुला उल्लंघन है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द दोषियों की पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दिलाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न दोहराई जा सकें। फिलहाल पुलिस टीम मामले की जांच में जुटी हुई है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है।
यह घटना एक गंभीर संकेत है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कुछ दबंग प्रवृत्ति के लोग कानून को ठेंगा दिखाने से नहीं चूकते। यदि ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई न की गई, तो यह प्रवृत्ति और बढ़ सकती है। स्थानीय जनता प्रशासन से न्याय की अपेक्षा में है और दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की मांग कर रही है।