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चन्दौली

सशक्त सनातन के लिए अपनाना होगा केसरिया और केसरी के लाल का मार्ग: बलराम पाठक

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चंदौली। जनपद में महाप्रभु हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव पूरे श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर जिले के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने विधिवत पूजन-अर्चन कर सुख, समृद्धि और लोक कल्याण की कामना की।

इस क्रम में आदर्श शिक्षक बलराम पाठक ने अपने परिवार सहित एक प्रमुख हनुमान मंदिर में पहुंचकर विधिपूर्वक दर्शन-पूजन किया। उन्होंने हनुमान जी के चरणों में माथा टेककर राष्ट्र के उत्थान, सनातन धर्म की रक्षा एवं जन-कल्याण की प्रार्थना की।

बलराम पाठक ने कहा, “भारत एक उत्सवधर्मी देश है, जहां उत्सवों के माध्यम से समाज में उत्साह, ऊर्जा और प्रेरणा का संचार होता है। उत्सव जीवन को न केवल उल्लासमय बनाते हैं, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक बल भी प्रदान करते हैं। हनुमान जी को उत्साह का प्रतीक माना जाता है। जो भी उनकी शरण में आता है, वह ऊर्जा से भरकर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है।”

उन्होंने आगे कहा, “आज आवश्यकता है कि हर भारतीय विशेषकर युवा वर्ग, केसरिया और केसरी के लाल के गुणों को अपने जीवन में उतारे। जिस प्रकार केशर को केसर बनने से पहले तपना, जलना और पिसना पड़ता है, उसी प्रकार हर सनातनी युवा को भी कठिनाइयों से जूझने के लिए तैयार रहना चाहिए। तभी हम सशक्त सनातन और सशक्त भारत का निर्माण कर सकेंगे।”

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बलराम पाठक ने समाज की वर्तमान परिस्थितियों पर चिंता जताते हुए कहा कि धर्मांतरण, आजीविका जेहाद और बढ़ती जनसंख्या जैसी समस्याएं देश के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। ऐसे समय में हनुमान जी का जीवन और उनके आदर्श हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वे सदैव धर्म और सत्य के रक्षक रहे हैं।

उन्होंने कहा, “न्याय ही धर्म की आत्मा है, और जहां धर्म होता है, वहीं विजय होती है। जब धर्म की स्थापना होती है, तो समाज से भय समाप्त होता है और शांति तथा आनंद की स्थापना होती है।”

समापन पर बलराम पाठक ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे सनातन धर्म की रक्षा के लिए संगठित हों और हनुमान जी के जीवन से प्रेरणा लेकर देश व समाज के हित में कार्य करें।

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