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धर्म-कर्म

‘सर्ववेद महामंदिर’ काशी का एक ऐसा मंदिर जो ज्ञान का है सर्वप्रमुख केंद्र

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रिपोर्ट – श्रद्धा यादव

देश की आध्यात्मिक सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी के उमरहां में निर्माणाधीन विशाल साधना केंद्र सर्ववेद महामंदिर, अपने आप में अनोखा है। स्वर्वेद मंदिर का नाम स्व: और वेद से जुड़कर बना है। स्व: का एक अर्थ है आत्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर 4 हजार वेदों से जुड़े दोहे भी लिखे गए हैं।

यह मंदिर शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के कारण अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है। यहां के इस मंदिर में विहंगम योग के 98वां वार्षिकोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे।विश्वनाथ धाम के साथ ही यह मंदिर भी काशी के धार्मिक महारत्न की शिखर पताका को और ऊंचा उठाने वाला है।

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अगर बात करें कि इस मंदिर की तो यह वास्तु शैली का अद्भुत उदाहरण है। 64 हजार वर्ग फीट में बना 7 मंजिला यह महामंदिर का निर्माण करीब 18 साल पहले शुरू हुआ था‌।इस मंदिर की विशेषता मंदिर में अंकित दोहे के ज़रिए पता लगाया जा सकता है। मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियां के विशालकाय कमल के पुष्प की तरह है।

सर्ववेद महामंदिर धाम में दिसंबर 2023 में महायज्ञ हुआ था। जिसमें 25 हजार लोग शामिल हुए थे। उस वक्त इस इतिहास के सबसे विशालतम योग की संज्ञा भी दी गई थी। विहंगम योग के जरिये नशा मुक्ति की राह को भी प्रशस्त किया गया है। इस आध्यात्मिक अभियान में हर वर्ष लाखों लोग जुड़े रहते हैं।

मंदिर से जुड़े संतों ने बताया कि, 3 लाख वर्ग फिट में गुलाब के पंखुड़ियों के आकार की गुलाबी पत्थरों की नक्काशी से निर्मित है। महामंदिर को खूबसूरत बनाने में वाटर जेट और वास्तुशिल्प का भी महत्वपूर्ण  योगदान हैं।

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