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गाजीपुर

“सत्संग में किसी महापुरुष की निंदा और आलोचना नहीं करते हैं संत” : पंकज महाराज

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नंदगंज (गाजीपुर)। जयगुरुदेव अनुयायी संत पंकज जी महाराज के सानिध्य में चल रही जनजागरण यात्रा के तहत विकास खंड करंडा के ग्राम सबुआ में मंगलवार को आयोजित सत्संग सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संतों व महापुरुषों के सत्संग में किसी की निंदा व आलोचना नहीं की जाती है, बल्कि वहां भगवान की भक्ति की प्रेरणा दी जाती है। जिस प्रकार दुनिया के ज्ञान की शिक्षा विद्यालयों में दी जाती है, उसी प्रकार अध्यात्मवाद और रूहानियत की शिक्षा संतों-महात्माओं के सत्संग और उनके सानिध्य से मिलती है।

उन्होंने कहा कि सारी आत्माएं प्रभु के देश से आने वाली आकाशवाणी, देववाणी और गैवी आवाजों पर उतर कर लाई गई हैं। अब आत्मा का संबंध शब्दों से टूट गया है, इसलिए उसे यह बोध नहीं है कि वह इस शरीर में कैसे आई और अब इससे अपने अजर-अमर देश, सच्चे वतन कैसे पहुंचेगी। इसका भेद संत सतगुरु ही बताएंगे। जिस प्रकार हवा और पानी का कोई बंटवारा नहीं हो सकता, उसी प्रकार भगवान का भी कोई बंटवारा नहीं है, क्योंकि भगवान ने सभी मनुष्यों को एक समान बनाया है।

उन्होंने कहा कि भगवान की तरफ से आपको सभी अधिकार दिए गए हैं कि आप अच्छा करें या बुरा करें, लेकिन फल भोगने में परतंत्र हैं। पैदा होने से पहले सभी ने भजन का वादा किया था, लेकिन बड़े होने पर वादा भूलकर बुरे कर्मों में लग गए। फलस्वरूप कर्मों का बोझ आत्मा पर जमा होता गया। जब यहां से जाने का समय आता है, तब सतगुरु के सिवा कोई मदद नहीं कर सकता। सतगुरु की प्राप्ति जीवन की सबसे बड़ी प्राप्ति है। जब सतगुरु मिल जाते हैं तो वे सूरत-शब्द योग (नाम योग) साधना की युक्ति बताते हैं। बताई गई विधि से साधना करने पर दोनों भौंहों के बीच विराजमान दिव्य दृष्टि और दिव्य कान खुल जाते हैं और साधक त्रिकालदर्शी हो जाता है। तब जीवात्मा पल भर में अरबों-खरबों मील का सफर तय कर लेती है और जीवन धन्य हो जाता है।

उन्होंने “जैसा खाए अन्न, वैसा होवे मन” पंक्ति को उद्धृत करते हुए कहा कि मानव शाकाहारी प्राणी है, लेकिन अपनी बुद्धि और बल से पशु-पक्षियों की हिंसा करता है, जिससे मानव में हिंसा की प्रवृत्ति पैदा होती है। इसलिए शाकाहार अपनाएं और शराब आदि नशीले पदार्थों का त्याग करें। अच्छे समाज के निर्माण में सहयोग करें। साधना पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि रास्ता सच्चा है, जब आप बताई हुई विधि से सुमिरन, ध्यान और भजन करेंगे तो निश्चित रूप से अनुभव होगा। सबका जीवन मंगलमय हो।

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सत्संग के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस प्रशासन द्वारा सहयोग किया गया। इस अवसर पर इंद्रदेव यादव, रामसेवक कुशवाहा, परमानंद गौड़, श्याम सुंदर कुशवाहा, राम नारायण, अविनाश यादव तथा सहयोगी संगत हरदोई के अनिल कुमार, महेंद्र, मलिखेराम और धीरेन्द्र आदि उपस्थित रहे।

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