चन्दौली
सकलडीहा में नवाचारी शिक्षण विधियों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

सकलडीहा (चंदौली)। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ के तत्वावधान में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सकलडीहा, चंदौली में नवाचारी शिक्षण विधियों के प्रयोग पर केंद्रित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया। इस प्रशिक्षण में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषयों में नवाचार के महत्व और उनके कक्षा शिक्षण में प्रभावी उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को डिजिटल लाइब्रेरी, नैतिक मूल्य एवं बोध जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी पीपीटी (प्रेजेंटेशन) के माध्यम से जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को नवाचार के प्रयोग से शिक्षण को अधिक प्रभावी, रुचिकर और उपयोगी बनाने की दिशा में प्रशिक्षित करना था।
प्रशिक्षण में संदर्भदाता के रूप में डायट प्रवक्ता एवं प्रशिक्षण नोडल अधिकारी देवेन्द्र कुमार ने नवाचार के प्रयोग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों को पारंपरिक शिक्षण विधियों से आगे बढ़कर नए तकनीकी एवं रचनात्मक तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
डायट प्रवक्ता डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. रामानंद कुमार, बिजेंद्र भारती, केदार यादव, प्रवीण राय, बैजनाथ पांडेय, लिली श्रीवास्तव और संतोष कुमार गुप्ता ने शिक्षकों को विभिन्न नवाचारी शिक्षण तकनीकों पर गहराई से प्रशिक्षित किया। उन्होंने शिक्षकों को यह बताया कि कैसे वे अपने-अपने विद्यालयों में नवाचार का उपयोग कर छात्रों को अधिक सक्रिय रूप से सीखने में संलग्न कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के तीसरे और अंतिम दिन डायट प्राचार्य विकायल भारती ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नवाचार आज की शिक्षा व्यवस्था की अनिवार्य आवश्यकता है। शिक्षकों को चाहिए कि वे कक्षा में पारंपरिक शिक्षण विधियों के साथ-साथ नवीन तकनीकों और नवाचारों का समावेश करें, जिससे बच्चों में सीखने की रुचि और समझने की क्षमता का विकास हो सके।
प्राचार्य ने शिक्षकों को प्रेरित करने के लिए दो प्रेरणादायक कहानियाँ भी सुनाईं और उन्हें नवाचार को अपने शिक्षण में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षकों की भूमिका केवल विषयों का ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें छात्रों में सोचने, समझने और सृजनात्मकता विकसित करने का अवसर भी प्रदान करना चाहिए।
प्रशिक्षण के अंत में प्राचार्य विकायल भारती ने सभी शिक्षकों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को अपने विद्यालयों में लागू करें और छात्रों के शैक्षिक विकास में योगदान दें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन में डायट सकलडीहा के शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बड़ी संख्या में उपस्थित शिक्षकों ने इस कार्यक्रम से महत्वपूर्ण शिक्षण तकनीकों को अपनाने का संकल्प लिया।