गाजीपुर
संकट में सहारा बनीं ‘टीचर्स सेल्फ केयर टीम’

संस्थापक विवेकानंद और टीम ने गढ़ी सामाजिक पहल, प्रदेशभर में बनी मिसाल
देवकली (गाजीपुर)। उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में टीचर्स के द्वारा टीचर्स सेल्फ केयर टीम (TSCT) के माध्यम से पीड़ित अध्यापक परिवारों को वित्तीय सहायता पहुंचाई जाती है। गाजीपुर जिले से त्रिलोक सिंह को 16 लाख, देवकली ब्लॉक की अध्यापिका ज्योत्सना पांडेय को 16 लाख, रामायण सिंह यादव को 55 लाख 63 हजार, शीला यादव को 53 लाख, प्रतिभा को 57 लाख, विजय सिंह यादव को 51 लाख, राजेंद्र यादव को 52 लाख, सरोज भारती को 53 लाख, अमरेश कुमार को 51 लाख की सहायता राशि प्रदान की गई। यह सूची सिर्फ गाजीपुर जिले से संबंधित है।
प्रत्येक शिक्षक द्वारा 16 रुपये प्रतिमाह का योगदान दिया जाता है, लेकिन यदि पीड़ित अध्यापकों की संख्या ज्यादा होती है तो उस स्थिति में राशि को बढ़ाया जाता है और कुल मिलाकर ₹300 प्रत्येक शिक्षक के सहायता अंश में देना अनिवार्य होता है। हालांकि, राशि का बढ़ना पीड़ित परिवारों की संख्या पर निर्भर करता है।
संस्थापक अध्यापक विवेकानंद के अनुसार – “अब तक टीम की ओर से 350 से अधिक पीड़ित परिवारों को 150 करोड़ की धनराशि प्रदान की जा चुकी है, जो अपने आप में दूरदर्शी और सामाजिक पहल की नई रोशनी लेकर पूरे समाज को प्रकाशमान बना रहा है।”

अध्यापक के अलावा डायट प्रवक्ता, शिक्षामित्र और अनुदेशक को भी इस संस्था से लाभ मिलता है। टीचर्स सेल्फ केयर टीम द्वारा उठाए गए इस कदम से माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा से जुड़े परिवारों को आर्थिक रूप से सबल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। संस्था के इस कार्य की ख्याति पूरे प्रदेश में फैल चुकी है। इस संस्था के संस्थापक विवेकानंद हैं। इसके अतिरिक्त सह-संस्थापक सुधेश पांडेय और संजीव कुमार रजक भी सह-संस्थापक के रूप में इस टीम में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर पाली, विकासखंड देवकली (गाजीपुर) के सहायक अध्यापक राधेश्याम सिंह सह-संयोजक गाजीपुर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके साथ ही प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर पाली के प्रधानाध्यापक विनोद पांडेय, सहायक अध्यापिका दृष्टि सिंह, सहायक अध्यापक राजीव पांडेय और शिक्षामित्र किरण पांडेय भी इस अभियान से जुड़े हुए हैं।
इस संगठन की वार्षिक पत्रिका विचार क्रांति भी बेहद लोकप्रिय है। पूरे साल भर का लेखा-जोखा इस पत्रिका में पूरे आंकड़ों के साथ प्रकाशित किया जाता है – किस जिले का कितना योगदान रहा? किस जिले में आकस्मिक मौत हुई और किन कारणों से हुई? मृत्यु की प्रकृति के आधार पर पीड़ित परिवार को धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। बच्चियों की शादी के लिए टीचर्स सेल्फ केयर टीम अनुदान प्रदान करती है। दुर्घटना में घायल हुए अध्यापक और अध्यापिकाओं को भी इस संस्था से सहायता राशि प्रदान की जाती है।
पीड़ित परिवार के नॉमिनी के खाते में धनराशि भेजने की त्वरित व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही अध्यापकों की सक्रिय टीम समय-समय पर जिलों में जाकर कार्यों का भौतिक सत्यापन करती है। संगठन की लोकप्रियता को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन के अन्य विभाग भी टीचर्स सेल्फ केयर टीम का अनुसरण कर सकते हैं।