वाराणसी
शेयर बाजार के नाम पर फर्जीवाड़ा, सोशल मीडिया के जरिए निवेशकों को लगाया जा रहा चूना
वाराणसी। देश में शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों की बढ़ती भागीदारी जहां कारोबार को नई ऊंचाई दे रही है, वहीं इसी के साथ ठगी और फर्जीवाड़े के नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। वाराणसी समेत पूर्वांचल में शेयर बाजार के नाम पर बड़े पैमाने पर साइबर ठगी का खेल चल रहा है, जिसमें निवेशकों को फर्जी आंकड़े, झूठे दावे और नकली पहचान दिखाकर जाल में फंसाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट बनाकर कुछ गिरोह निवेशकों को किसी खास शेयर में निवेश करने का लालच दे रहे हैं। ये लोग अपने दावों को सही साबित करने के लिए मनगढ़ंत आंकड़े और आकर्षक ग्राफ पेश करते हैं। पैसा लगते ही निवेशकों के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
बताया गया कि जैसे ही कोई व्यक्ति डीमैट खाता खोलता है, उसके मोबाइल नंबर पर अज्ञात एजेंसियों के कॉल आने लगते हैं। कॉल करने वाले तरह-तरह के प्रलोभन देकर निवेश के लिए प्रेरित करते हैं। निवेश के बाद खातों में गड़बड़ी और धन हड़पने का सिलसिला शुरू हो जाता है। प्रदेश में कानपुर और लखनऊ के बाद पूर्वांचल, खासकर वाराणसी में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। शेयर बाजार में निवेश के मामले में उत्तर प्रदेश अब गुजरात और महाराष्ट्र को भी टक्कर दे रहा है।

निवेशक आमतौर पर किसी कंपनी में पैसा लगाकर लाभ कमाने की मंशा रखता है, लेकिन इसी मौके का फायदा उठाकर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह सक्रिय हो जाते हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी मददगार बन रहा है। जैसे ही कोई निवेशक मोबाइल पर शेयर से जुड़ी जानकारी खोजता है, वैसे ही फर्जी गिरोहों के विज्ञापन स्वतः उसके अकाउंट पर दिखाई देने लगते हैं। नया निवेशक आसानी से इनके झांसे में आकर अपनी पूंजी गंवा बैठता है। कई मामलों में फर्जी नाम, लोगो और पहचान के इस्तेमाल की बात भी सामने आई है।
इसका एक उदाहरण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के नाम से चल रहे फर्जी विज्ञापन हैं। एनएसई के लोगो और नाम का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर ऐसे विज्ञापन प्रसारित किए जा रहे हैं, जिनमें लिखा है “बिना सोचे-समझे खरीदारी न करें। मैं आपको मुफ्त सिग्नल दूंगा। सिग्नल प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक भेजे जाते हैं। सटीकता दर 95.8 प्रतिशत है। हमारे समुदाय से जुड़ें। मुफ्त जानकारी और शैक्षिक सामग्री प्राप्त करें।”
इस संबंध में वाराणसी स्थित भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कार्यालय से जानकारी लेने पर स्पष्ट किया गया कि यह पूरी तरह फर्जी है।
दरअसल, एनएसई एक ऐसी संस्था है, जो शेयर बाजार के संचालन और नियंत्रण का कार्य करती है, न कि किसी कंपनी के शेयर खरीदने या उन्हें प्रमोट करने का। इसके बावजूद एनएसई का नाम देखकर निवेशक आकर्षित हो जाते हैं और निवेश कर बैठते हैं। इसके बाद धन डूबने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
केवल एनएसई ही नहीं, बल्कि इस तरह के कई तथाकथित निवेश विशेषज्ञ और अकाउंट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं, जो धन को दोगुना करने का दावा करते हुए लोगों से बड़ी रकम निवेश कराने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह देश में निवेशकों की लगातार बढ़ती संख्या है। डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों के सामने आने के बाद अब शेयर बाजार के नाम पर होने वाले स्कैम तेजी से बढ़े हैं। सेबी की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन जागरूकता की तुलना में ठगी के नए-नए तरीके अधिक तेजी से सामने आ रहे हैं।
