वाराणसी
शुभम के ससुराल तक पहुंची एसआईटी, ईडी की जांच के दायरे में बिल्डर और कारोबारी
वाराणसी। कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़े अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल के संरक्षणदाताओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। जांच के क्रम में ईडी और कमिश्नरेट की विशेष जांच टीम (एसआईटी) शुभम के ससुराल तक पहुंच गई है, जहां कई दौर की पूछताछ की गई।
सूत्रों के अनुसार, बीते चार वर्षों से शुभम जायसवाल को संरक्षण देने में ड्रग विभाग के पूर्व अधिकारी, बिल्डर, होटल व्यवसायी और कुछ प्रभावशाली लोग शामिल रहे हैं। परोक्ष व अपरोक्ष रूप से शुभम ने इन सभी के कारोबार में निवेश किया था, जिनके नाम ईडी के रजिस्टर में दर्ज पाए गए हैं। शुभम के साझेदार गौरव जायसवाल, विशाल मल्होत्रा, वरुण सिंह और अमित सिंह टाटा से जुड़े ठिकानों पर भी ईडी की कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
ईडी और एसआईटी की संयुक्त जांच शुभम के ससुराल सोनिया रोड स्थित अमर नगर कॉलोनी तक पहुंची, जहां साली, साले सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों की गहन जांच की गई। जांच एजेंसियों को ससुराल पक्ष के नाम पर कीमती संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के संकेत मिले हैं। एसआईटी इस मामले में कई चक्र में पूछताछ कर चुकी है।
ईडी ने करीब 30 घंटे तक शुभम जायसवाल और उसके सीए विष्णु अग्रवाल के कार्यालय में जांच की, जिसमें कई फर्मों और बैंक खातों का खुलासा हुआ। रिश्तेदारों के नाम पर फर्म बनाकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल से लेकर बांग्लादेश तक कफ सिरप का अवैध कारोबार संचालित किए जाने के प्रमाण मिले हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि रिश्तेदारों के नाम पर आभूषण, फ्लैट और जमीन खरीदी गई। शुभम के साझेदार विशाल मल्होत्रा, गौरव जायसवाल, वरुण सिंह तथा आजमगढ़ के नरवे निवासी विकास सिंह के ठिकानों पर भी ईडी की टीम ने छानबीन की है।
झारखंड की राजधानी रांची में शैली ट्रेडर्स और न्यू वृद्धि फार्मा के माध्यम से शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल ने एबॉट कंपनी से बड़े पैमाने पर कोडीन युक्त कफ सिरप की खरीद की। इसके बाद वाराणसी सहित आसपास के जिलों में 150 से अधिक स्टॉकिस्ट फर्मों के जरिये कारोबार को आगे बढ़ाया गया। सोनभद्र जेल में बंद शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी कमिश्नरेट की एसआईटी कर रही है।
एक माह से परेशान ससुराल पक्ष
एसआईटी की जांच के दौरान ससुराल पक्ष के सदस्यों ने बताया कि वे बीते एक माह से लगातार परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्हें शुभम और उसके कारोबार से जुड़ी कोई जानकारी नहीं थी। ड्रग विभाग, पुलिस और नारकोटिक्स से जुड़ी टीमों की लगातार आवाजाही से परिवार मानसिक दबाव में है।
इसी क्रम में खोजवा स्थित डीएसए फार्मा के प्रोपराइटर दिवेश जायसवाल का सिगरा क्षेत्र में स्थित फ्लैट और महंगी गाड़ियां भी जांच के दायरे में लाई गई हैं।
